महिला सिपाही से मारपीट और छेड़छाड़ के आरोप में दोबारा गिरफ्तार किए गए हैं जिग्नेश मेवाणी
सोमवार को असम में एक मामले में जमानत के तुरंत बाद फिर से गिरफ्तार किए गए गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी को एक महिला सिपाही के साथ मारपीट और छेड़छाड़ के आरोप में दोबारा गिरफ्तार किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महिला सिपाही मेवाणी को गुवाहाटी एयरपोर्ट से कोकराझार लाने वाली टीम में शामिल थी और आरोप है कि इसी दौरान मेवाणी ने उनके साथ बदसलूकी की। मेवाणी के पक्ष ने पूरे मामले पर सवाल उठाए हैं।
क्या है पूरा मामला?
कल कोकराझार की एक कोर्ट ने जिग्नेश मेवाणी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ट्वीट से संबंधित केस में जमानत दी थी। लेकिन जमानत मिलने के तुरंत बाद बारपेटा जिले की पुलिस ने मेवाणी को एक अन्य केस में फिर से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस उन्हें कोकराझार से बारपेटा ले गई और अभी वे वहीं की जेल में बंद है। कल पुलिस ने उन्हें दोबारा गिरफ्तार करने का कारण नहीं बताया था।
पुलिस सूत्रों ने कही मेवाणी के महिला सिपाही को गाली देने की बात
अब पुलिस सूत्रों ने NDTV से महिला सिपाही के साथ मारपीट और छेड़छाड़ के आरोप में मेवाणी को दोबारा गिरफ्तार किए जाने की बात कही है। सूत्रों के अनुसार, जब पुलिस मेवाणी को कोकराझार लाने के लिए बारपेटा जिले से गुजर रही थी, तभी उन्होंने महिला सिपाही को गाली दी, उसकी तरफ अभद्र इशारे किए और उसे कार की सीट पर धकेल दिया। मामले में 21 अप्रैल को बारपेटा थाने में केस दर्ज किया गया था।
मेवाणी के वकील ने उठाए दोबारा गिरफ्तारी पर सवाल
मेवाणी के वकील अंगशुमन बोरा ने PTI के साथ बातचीत में मेवाणी पर लगे नए आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि तीन दिन की पुलिस कस्टडी के दौरान इस मामले का जिक्र तक नहीं किया गया। उन्होंने कहा, "हम बेहद हैरान हैं। जब वो तीन दिन के लिए पुलिस कस्टडी में थे, तब सिपाही से मारपीट के मामले की फुसफुसाहट तक नहीं थी। जब उन्हें जमानत मिले तो अचानक से उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया।"
20 अप्रैल को पहली बार गिरफ्तार किए गए थे मेवाणी
वडगाम से विधायक जिग्नेश मेवाणी को पहली बार 20 अप्रैल को असम पुलिस ने गुजरात के पालनपुर से गिरफ्तार किया था। उन्हें प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ ट्वीट के लिए गिरफ्तार किया गया था। असम के एक स्थानीय भाजपा नेता अरूप कुमार देव की शिकायत के आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया गया था। अपनी शिकायत में उन्होंने कहा था कि मेवाणी के ट्वीट एक समुदाय को भड़काते हैं। मेवाणी पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने समेत कई धाराएं लगाई गई हैं।
पिछले साल कांग्रेस को समर्थन दे चुके हैं मेवाणी
दलित नेता और राष्ट्रीय दलित अधिकार मोर्चा के संयोजक मेवाणी निर्दलीय विधायक हैं, लेकिन पिछले साल उन्होंने कांग्रेस को समर्थन दे दिया था। उन्होंने पिछले साल सितंबर में जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के पूर्व छात्र संघ प्रमुख कन्हैया कुमार और राहुल गांधी के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। कन्हैया इसके बाद कांग्रेस में शामिल हो गए थे, लेकिन तकनीकी कारणों से मेवाणी पार्टी की सदस्यता नहीं ले पाए थे।