गुजरात सरकार ने स्वीकारा- कोरोना वायरस के कारण हुईं लगभग 10,000 अतिरिक्त मौतें
गुजरात सरकार ने कोरोना वायरस के कारण आधिकारिक आंकड़े से लगभग 10,000 अधिक मौतें होने की बात स्वीकारी है। सुप्रीम कोर्ट में पीड़ितों को मुआवजा देने से संंबंधित अपने हलफनामे में राज्य सरकार ने ये कबूलनामा किया है। पहले रिकॉर्ड नहीं की गई इन मौतों को अब आधिकारिक आंकड़े में शामिल कर दिया गया है और राज्य में कोविड मौतों की कुल संख्या 19,964 हो गई है। इससे राष्ट्रीय स्तर पर मौतों में भी दो प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
कोविड के कारण मौत के मामले में 19,964 लोगों को मुआवजा दिया- गुजरात सरकार
गुजरात सरकार ने अपने हलफनामे में बताया कि उसे कोविड के कारण मौत के मामले में मुआवजे के लिए कुल 34,678 आवेदन मिले जिनमें से 19,964 लोगों को मुआवजा दे दिया गया है। सरकार के आधिकारिक आंकड़ों में 10,098 लोगों की मौत दर्ज थी, यानि इस स्वीकारोक्ति के बाद राज्य में मौतोें की संख्या में 9,866 बढ़ गई। राष्ट्रीय स्तर पर भी मौतों की संख्या दो प्रतिशत बढ़ कर 4.85 लाख हो गई है।
महाराष्ट्र में मात्र 8,000 को मुआवजा, कोर्ट ने जताई नाराजगी
महाराष्ट्र सरकार ने भी हलफनामा दाखिल कर 8,000 लोगों को मुआवजा देने की जानकारी दी है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि महाराष्ट्र जहां महामारी का सबसे ज्यादा कहर रहा है, वहां मात्र 8,000 लोगों को मुआवजा दिया गया है। राज्य सरकार को मुआवजे के लिए अब तक कुल 87,000 आवेदन मिल चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उसे मुआवजे की प्रक्रिया को तेज करने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कोविड मृतकों के परिजनों को मिल रहा 50,000 रुपये का मुआवजा
बता दें कि मुआवजे से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जून में केंद्र सरकार को कोविड मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने का आदेश दिया था। हालांकि उसने सरकार को मुआवजे की राशि तय करने की छूट दी। इसके बाद केंद्र ने 50,000 रुपये का मुआवजा देने की योजना बनाई थी जिसे अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दे दी थी। ये 50,000 रुपये अन्य किसी योजना के तहत मिल रहे लाभ से अलग होंगे।
क्या है मुआवजा प्राप्त करने की प्रक्रिया?
सरकार के अनुसार, मुआवजा राशि प्राप्त करने के लिए मृतकों के परिजनों को जिला स्तरीय आपदा प्रबंधक कार्यालय में आवेदन करना होता है। इसके साथ उन्हें करोना से हुई मौत का सुबूत यानी मेडिकल प्रमाण पत्र देना होगा। इसके बाद कार्यालय द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि दावे, सत्यापन, मंजूरी और मुआवजे के अंतिम भुगतान की प्रक्रिया मजबूत लेकिन सरल और लोगों के अनुकूल प्रक्रिया के माध्यम से हो। सभी दावों का 30 दिन में निपटारा करना होता है।