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    अमेरिकी रिपोर्ट का दावा- सऊदी के क्राउन प्रिंस ने दी थी खशोगी की हत्या की मंजूरी

    अमेरिकी रिपोर्ट का दावा- सऊदी के क्राउन प्रिंस ने दी थी खशोगी की हत्या की मंजूरी

    लेखन प्रमोद कुमार
    Feb 27, 2021
    08:39 am

    क्या है खबर?

    अमेरिका के खुफिया विभाग की रिपोर्ट में सामने आया है कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने सऊदी के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के ऑपरेशन को मंजूरी दी थी।

    शुक्रवार को अमेरिका ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि क्राउन प्रिंस ने उस ऑपरेशन को मंजूरी दी थी, जिसके तहत खशोगी को जिंदा पकड़ने या मारने का फैसला लिया गया था।

    हालांकि, सऊदी अरब ने इस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है।

    पृष्ठभूमि

    क्या था जमाल खशोगी की हत्या का मामला?

    अमेरिका में रहने वाले जमाल खशोगी जाने-माने पत्रकार थे। उन्हें सऊदी अरब के शासन का घोर आलोचक माना जाता था।

    उन्हें अंतिम बार 2 अक्टूबर, 2018 को इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में देखा गया था। उस समय वे अपनी शादी से पहले जरूरी दस्तावेज लेने के लिए दूतावास में आए थे।

    बताया जाता है कि दूतावास के भीतर उनकी हत्या कर शरीर के टुकड़े कर दिए गए थे। उनकी लाश का आज तक पता नहीं चला है।

    जांच

    पहली बार सीधे तौर पर सामने आया बिन सलमान का नाम

    खशोगी की हत्या के बाद से ही सऊदी के क्राउन प्रिंस पर इस साजिश में शामिल होने के आरोप लगते रहे हैं।

    अब अमेरिका की खुफिया रिपोर्ट में पहली बार बिन सलमान का नाम सीधे तौर पर सामने आया है।

    BBC के अनुसार, अमेरिकी रिपोर्ट में बताया गया है कि ऐसा आकलन है कि बिन सलमान ने इस्तांबुल में एक अभियान को हरी झंडी दिखाई थी, जिसका मकसद खशोगी को जिंदा पकड़ना या मारना था।

    हत्या

    सऊदी ने मानी थी अपने एजेंटों द्वारा हत्या की बात

    अब तक सऊदी अरब का आधिकारिक रूख यह था कि उसके एजेंटों ने खशोगी की हत्या की थी, जबकि उन्हें सिर्फ खशोगी को अगवा कर सऊदी अरब लाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

    सऊदी की एक अदालत ने खशोगी की हत्या के मामले में पांच लोगों को फांसी की सजा सुनाई थी, लेकिन बाद में सजा कम कर 20 साल कर दी गई थी।

    हालांकि, अदालत के इस फैसले को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।

    हत्याकांड

    कैसे हुई थी खशोगी की हत्या?

    कभी सऊदी के शाही परिवार के बेहद करीबी रहे खशोगी को भारी मात्रा में ड्रग दिया गया था, जिसके चलते उनकी मौत हो गई।

    बाद में सऊदी के एजेंटों ने उनके शरीर के कई टुकड़े कर दिए गए। आज तक उनकी लाश का पता नहीं चला है।

    इसके बाद तुर्की ने इस घटना के दौरान हुई बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग सार्वजनिक कर दी थी, जिससे इस मामले की जानकारी सामने आई।

    प्रतिक्रिया

    सऊदी अरब ने रिपोर्ट का खंडन किया

    सऊदी अरब ने खशोगी की हत्या के पीछे क्राउन प्रिंस की सहमति होने का दावा करने वाली अमेरिकी रिपोर्ट को खारिज कर दिया है।

    यहां के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस रिपोर्ट में गलत निष्कर्ष निकाला गया है। यह एक नकारात्मक और नकली रिपोर्ट है।

    मंत्रालय ने कहा कि यह संगीन अपराध था, जिसमें सऊदी अरब के कानून और मूल्यों का उल्लंघन किया गया। सऊदी अरब की सरकार ने मामले की जांच के लिए सभी जरूरी कदम उठाए थे।

    जमाल खशोगी

    2018 के टाइम पर्सन ऑफ ईयर बने थे खशोगी

    सऊदी अरब से निर्वासन के बाद से अमेरिका में रह रहे खशोगी मोहम्मद बिन सलमान की नीतियों के मुखर आलोचक थे।

    खशोगी ही बिन मोहम्मद द्वारा राजकुमारों, मंत्रियों और पूर्व मंत्रियों को जेल में डालने के पीछे की कहानी दुनिया के सामने लाए थे।

    2018 में उन्हें टाइम ने 'पर्सन ऑफ द ईयर' नामित किया था। उनके साथ उन पत्रकारों को भी इस सूची में जगह दी, जिन्हें अपने काम के चलते सजा या उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था।

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