दिल्ली: वैक्सीनेशन के पहले दिन सामने आईं 51 छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याएं, एक को करना पड़ा भर्ती
क्या है खबर?
कोरोना वायरस वैक्सीनेशन अभियान के पहले दिन दिल्ली में 51 लाभार्थियों में छोटी-मोटी जटिलताएं देखी गईं, वहीं एक गंभीर मामला भी सामने आया।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि गंभीर रूप से बीमार हुए व्यक्ति को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भर्ती कराया गया और रात तक वह वहीं भर्ती था।
बाकी लोगों को अस्पताल ले जाने की जरूरत नहीं पड़ी और उन्हें कुछ देर की निगरानी के बाद छोड़ दिया गया।
मामला
AIIMS के सुरक्षा गार्ड को करना पड़ा ICU में भर्ती
समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए जैन ने कहा, "कल ऐसे 51 मामले सामने आए जिनमें कुछ छोटी-मोटी जटिलताएं देखी गईं और एक मामला थोड़ा गंभीर था, जिसे AIIMS में भर्ती कराया गया। कल रात तक वह वहीं भर्ती था। बाकी 51 को भर्ती कराने की जरूरत नहीं पड़ी।"
जिस व्यक्ति को भर्ती कराया गया, वह AIIMS में ही कार्य करने वाला एक 22 वर्षीय गार्ड था। वह कल रात तक ICU में भर्ती था और अभी स्थिर है।
जानकारी
वैक्सीनेशन के बाद छोटी-मोटी घटनाएं सामने आना सामान्य
बता दें कि वैक्सीन लगाए जाने के बाद कुछ छोटी-मोटी प्रतिकूल घटनाएं सामने आना आम है और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, जरूरी नहीं कि इनका वैक्सीन के साथ कोई संपर्क हो। शनिवार को देश के अन्य हिस्सों में भी ऐसी घटनाएं सामने आईं।
कम वैक्सीनेशन
दिल्ली में पहले दिन महज 50 प्रतिशत वैक्सीनेशन
गौरतलब है कि वैक्सीनेशन के पहले दिन कल दिल्ली में 4,317 स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगाई गई जो 8,117 स्वास्थ्यकर्मियों के तय लक्ष्य के लगभग आधे के बराबर है।
इतने कम वैक्सीनेशन के सवाल पर जैन ने कहा, "पूरे देश में ही करीब 50 प्रतिशत वैक्सीनेशन हुआ है, दिल्ली में भी 50 प्रतिशत है। सभी जगह पर आंकड़ा आधे के आसपास ही है। सब जगह एक ही वजह हो सकती है, अलग-अलग नहीं। कुछ लोग आखिरी समय पर सामने नहीं आए।"
बयान
लोगों को वैक्सीन न लगवाने की पूरी छूट- जैन
जैन ने आगे कहा, "अंदाजा लगाने का कोई फायदा नहीं है कि स्वास्थ्यकर्मी सामने क्यों नहीं आए। वैक्सीनेशन पूरी तरह से स्वैच्छिक है, अनिवार्य नहीं है। लगवाने वालों को पूरी छूट है। रजिस्टर्ड कराने के बाद भी ऐसा नहीं कि लगवानी ही पड़ेगी।"
रणनीति
दिल्ली में क्या है वैक्सीनेशन की रणनीति?
दिल्ली में लगभग 2.40 लाख स्वास्थ्यकर्मियों ने वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है और सरकार के पास अभी तक 2.74 करोड़ खुराकें आ चुकी हैं जो 1.20 लाख स्वास्थ्यकर्मियों के लिए पर्याप्त होंगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बाकी खुराकें भी जल्द आने की उम्मीद लगाई है।
अभी इन खुराकों को 81 वैक्सीनेशन केंद्रों के जरिए हफ्ते में चार दिन स्वास्थ्यकर्मियों को लगाया जा रहा है और जल्द ही केंद्रों की संख्या बढ़ाकर पहले 175 और फिर 1,000 कर दी जाएगी।
वैक्सीनें
केंद्रीय अस्पतालों में कोवैक्सिन और बाकी जगह हो रहा कोविशील्ड का उपयोग
अभी दिल्ली में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की 'कोविशील्ड' और भारत बायोटेक की 'कोवैक्सिन' दोनों का उपयोग किया जा रहा है। जहां AIIMS जैसे केंद्र सरकार के अस्पतालों में कोवैक्सिन का उपयोग किया जा रहा है, वहीं अन्य जगहों पर कोविशील्ड को प्राथमिकता दी जा रही है।
हालांकि वैक्सीनेशन के पहले दिन राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने कोवैक्सिन लगाने से इनकार कर दिया क्योंकि अभी इसका तीसरे चरण का ट्रायल पूरा नहीं हुआ है।
स्थिति
दिल्ली और देश में क्या है कोरोना वायरस महामारी की स्थिति?
दिल्ली में हालिया समय में कोरोना वायरस महामारी की स्थिति में सुधार हुआ है और यहां पिछले सात दिन से नए मामलों की संख्या 400 से कम बनी हुई है। अभी तक यहां कुल 6,32,183 लोगों को संक्रमित पाया जा चुका है और 10,738 लोगों की मौत हुई है। सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 2,691 रह गई है।
वहीं पूरे देश में अब तक 1,05,57,985 लोगों को संक्रमित पाया जा चुका है और 1.52 लाख की मौत हुई है।