पिछले साल UPSC CSE में शामिल नहीं होने वाले उम्मीदवारों को मिलेगा एक और मौका
पिछले साल कोरोना वायरस महामारी के कारण संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सेवा परीक्षा (CSE) में शामिल न होने वाले उन उम्मीदवारों को राहत मिल गई है, जिनके पास 2020 में इसमें शामिल होने का आखिरी मौका था। केंद्र सरकार इन उम्मीदवारों को एक अतिरिक्त मौका देने के लिए तैयार हो गई है। इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई हुई थी। इसके बाद यह निर्णय लिया गया। आइये, जानें पूरा मामला।
इन उम्मीदवारों ने दायर की थी याचिका
बता दें कि UPSC CSE में शामिल होने के लिए उम्मीदवारों को कुछ सीमित प्रयास मिलते हैं। वहीं, पिछले साल उन उम्मीदवारों का आखिरा मौका बेकार चला गया, जो कोरोना वायरस के कारण परीक्षा नहीं दे पाए। इन उम्मीदवारों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि उन्हें परीक्षा में शामिल होने के लिए एक अन्य मौका दिया जाए। आज केंद्र ने उम्मीदवारों की इस मांग पर सहमति जताकर उन्हें राहत दी है।
3,308 उम्मीदवारों को मिलेगा लाभ
सुप्रीम कोर्ट में दायर इस याचिका पर जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाले बेंच ने सुनवाई की है। इससे पहले 1 फरवरी को सुनवाई में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कोर्ट को बताया था कि केंद्र सरकार पिछले साल कोरोना वायरस के कारण CSE में शामिल न होने वाले छात्रों को एक अन्य मैका देने के पक्ष में नही हैं। हालांकि, अब केंद्र के सहमत हो जाने से 3,308 उम्मीदवारों को लाभ मिलेगा।
केवल एक बार के लिए मिल रही छूट
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को एक नोट देकर यह साफ कर दिया है कि यह छूट सिर्फ एक बार के लिए अक्टूबर, 2020 में हुई UPSC CSE परीक्षा में शामिल न होने वाले उन उम्मीदवारों को दी जा रही है, जिनका वह अंतिम प्रायस था। साथ ही केंद्र ने यह भी स्पष्ट किया है कि वे उम्मीदवार भी परीक्षा में शामिल हो सकते हैं, जो पिछले साल अधिकतम आयु सीमा की पात्रता को पार कर चुके हैं।
किस उम्मीदवार को मिलते हैं कितने प्रयास?
जानकारी के लिए बता दें कि UPSC CSE परीक्षा का आयोजन हर साल कराया जाता है। इसमें ग्रेजुएट उम्मीदवार शामिल हो सकते हैं। सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को 32 वर्ष तक परीक्षा में शामिल के लिए अधिकतम छह प्रयास, अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों को 35 वर्ष तक अधिकतम नौ प्रयास मिलते हैं। वहीं, अनुसुचित जाति और अनुसुचित जनजाति वर्ग के उम्मीदवार 37 वर्ष कितने बार भी परीक्षा दे सकते हैं। इनके लिए प्रयासों की सीमा सीमित नहीं है।