
फर्जी राजनयिक सत्येंद्र जैन के तार विदेशों तक फैले; नकली कंपनियां बनाईं, हवाला में भी शामिल
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश के विशेष जांच दल (STF) ने हाल ही में गाजियाबाद के कवि नगर थाना क्षेत्र में चल रहे अवैध दूतावास का भंडाफोड़ किया था। इस मामले में हर्षवर्धन जैन नामक शख्स को गिरफ्तार किया गया था, जो खुद को वेस्ट आर्कटिका समेत कई देशों का राजदूत बताता था। अब इस फर्जीवाड़े से जुड़ी कई अहम जानकारियां सामने आई हैं, जो मामले में हाई-प्रोफाइल इंटरनेशनल रैकेट की ओर इशारा कर रही है। आइए पूरा मामला समझते हैं।
STF
विदेशों में फैला हुआ है जैन का नेटवर्क
STF का मानना है कि जैन ने एक ऐसा संदिग्ध नेटवर्क बनाया, जो गाजियाबाद से कहीं आगे तक फैला हुआ है। उसने विदेशों में कई फर्जी कंपनियां बनाईं और विदेशों में बैंक खाते खोले जिससे लोगों को उसकी अंतरराष्ट्रीय पहुंच का भरोसा हो सके। फर्स्ट पोस्ट के मुताबिक, अधिकारियों का कहना है कि उसका पूरा धंधा राजनयिक लेन-देन के नाम पर धोखाधड़ी, हवाला और दलाली के तरीके पर चलता था।
विदेश
विदेश में विवादित लोगों से जैन के संबंध
STF के अनुसार, जैन अक्सर ब्रिटेन और दुबई जाता था, जहां वो कई विवादित लोगों के संपर्क में आया। लंदन में जैन ने विवादास्पद धर्मगुरु चंद्रास्वामी और हथियार डीलर अदनान खशोगी के साथ मिलकर काम किया था। नोएडा STF के SP राज कुमार मिश्रा ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, "जैन धोखाधड़ी के इतिहास वाले भारतीय मूल के तुर्की व्यवसायी अहसान अली सईद के भी करीब आ गया था।" सईद को धोखाधड़ी के चलते 6 साल की सजा हुई है।
कंपनियां
जैन ने विदेश में कई फर्जी कंपनियां बनाईं
STF ने बताया कि जैन और सईद ने विदेश में कई फर्जी कंपनियां बनाईं, जिनका इस्तेमाल हवाला लेनदेन और बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी के लिए किया गया। एक अधिकारी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, "एक कंपनी ब्रिटेन में स्टेट ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड और ईस्ट इंडिया कंपनी लिमिटेड, UAE में आइलैंड जनरल ट्रेडिंग कंपनी, मॉरीशस में इंदिरा ओवरसीज लिमिटेड और अफ्रीका में कैमरन इस्पात सरल शामिल हैं।" जैन के 4 देशों में 11 बैंक खाते थे।
परिचय
सत्येंद्र जैन के बारे में क्या-क्या पता है?
जैन की उम्र 47 साल है और उसने लंदन से MBA किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, वो संपन्न परिवार से है और उसके पिता की राजस्थान में मार्बल खदानें थीं। जैन ने इन खदानों में भी काम किया, लेकिन नुकसान होने पर दुबई चला गया। वहां उसने अन्य अपराधियों के साथ मिलकर फर्जी कंपनियां बनाई और नौकरी का झांसा देकर लोगों को ठगा। जैन 2011 में भारत लौटा और किराए के आलीशान बंगले में फर्जी दूतावास खोल लिया।
बरामदगी
जैन के बंगले से क्या-क्या बरामद हुआ?
STF को जैन के बंगले से 4 लक्जरी कारें मिलीं, जिनमें एक रेंज रोवर, टोयोटा फॉर्च्यूनर और एक स्कोडा शामिल हैं। सभी पर फर्जी राजनयिक नंबर प्लेटें लगी थीं। इसके अलावा 18 फर्जी नंबर प्लेटें भी मिलीं। वेस्ट आर्कटिका और अन्य काल्पनिक देशों के 12 जाली राजनयिक पासपोर्ट। 44.70 लाख रुपये नकद और कई विदेशी मुद्राएं। 34 फर्जी मुहरें, 2 प्रेस कार्ड, 2 पैन कार्ड और विदेश मंत्रालय के पत्र समेत कई दूसरे जाली दस्तावेज।
बयान
प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति के साथ जैन की नकली फोटो
STF SSP सुशील घुले ने कहा, "जैन कविनगर में किराए का मकान लेकर अवैध रूप से दूतावास चला रहा था। वह खुद को वेस्टार्कटिका, सबोरगा, पुलावाविया, लोडोनिया देशों का राजदूत बताता है। इन नामों का कोई देश दुनिया में नहीं है। जैन डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट लगी गाड़ियों से चलता था। लोगों को प्रभावित करने के लिए प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और कई अन्य बड़े लोगों के साथ अपनी फर्जी फोटो का इस्तेमाल करता था।"