
गाजियाबाद: मामूली जमानती अपराधों में 535 कैदी जेल में बंद, जज ने आपत्ति जताई
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसे अपर जिला जज द्वारा पुलिस आयुक्त को लिखा गया है।
पत्र में कहा गया है कि जिला कारागार में 1 मई से 29 मई तक 535 बंदी कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर (CrPC) की धारा 107, 116 और 151 के तहत बंद हैं, जबकि पिछले साल मई में सिर्फ 8 बंदी बंद थे।
इन धाराओं में थाने से ही जमानत मिल जाती है।
आपत्ति
कार्यपालक मजिस्ट्रेट न्यायालय में नहीं हो रही सुनवाई
जज ने पत्र में कहा कि मई में कुल 562 को अन्य अपराधों के लिए जिला कारागार भेजा गया है। इस हिसाब से 48 प्रतिशत बंदी CrPC की धाराओं के तहत बंद हैं।
जज ने पत्र में यह भी बताया कि बंदियों से सूचना मिली है कि कार्यपालक मजिस्ट्रेट न्यायालय में कोई सुनवाई नहीं होती और एकतरफा आदेश पारित कर दिया जाता है। इसके अलावा जमानत की राशि भी अत्यधिक तय कर दी जाती है।
आदेश
क्या कहा जज ने?
जज ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का जिक्र करते हुए पत्र में कहा कि जमानत राशि तय करते समय व्यक्ति की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखा जाए और जमानत दाखिल करने का समय दें। उन्होंने कहा कि CrPC का उपबंध निरोधात्मक है।
CrPC की धारा 107, 116 और 151 शांति बनाए रखने, सुनवाई के दौरान अधिकारी के सामने हाजिर होने और अपराध की आशंका पर किसी को हिरासत में लेने से जुड़ी हैं और जमानती हैं।
ट्विटर पोस्ट
ट्विटर पर साझा किया गया पत्र
#ग़ाज़ियाबाद पुलिस कमिश्नरी का अलग ही स्वैग है!! ऐसी धाराएँ जिनपर थाने से ज़मानत हो जाती है, उसमें भी काबिल अफ़सर जेल भेज रहे हैं।कोई सुनवाई नहीं, हालत ये हो गई कि अपर ज़िला जज को मामले में दखल देना पड़ गया।जेल ठूँसी पड़ी है।
— Mamta Tripathi (@MamtaTripathi80) June 1, 2023
वैसे ग़ाज़ियाबाद CP को 10am-6pm वाली जॉब ज़्यादा पसंद… pic.twitter.com/0C8RDk628T