
देश के पहले 'चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ' बने जनरल बिपिन रावत, ये होगीं जिम्मेदारियां
क्या है खबर?
मौजूदा सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत को देश का पहला 'चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ' (CDS) नियुक्त किया गया है।
31 दिसंबर को सेनाध्यक्ष के पद से रिटायर होने के बाद वो ये पद संभालेंगे। वो अगले तीन साल यानि 65 साल की उम्र तक इस पद पर रहेंगे।
पिछले मंगलवार को कैबिनेट ने CDS पद बनाने की मंजूरी दी थी।
CDS का पद क्या है और इसकी क्या जिम्मेदारियां होंगीं, आइए आपको बताते हैं।
घोषणा
प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले से की थी पद बनाने की घोषणा
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) पद बनाने की घोषणा की थी।
CDS देश की तीनों सेनाओं के प्रमुखों से ऊपर का पद होगा, जो सैन्य बलों और प्रधानमंत्री के बीच संपर्क का माध्यम बनेगा।
इसका काम तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करना होगा, ताकि किसी संघर्ष या युद्ध की स्थिति में नुकसान को कम किया जा सके।
जानकारी
सुरक्षा मामलों की समिति की हिस्सा भी होंगे CDS
प्रधानमंत्री के अलावा रक्षा मंत्री और सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) को सीधे सलाह देना भी CDS की जिम्मेदारी का हिस्सा होगा। इसके अलावा वो चीफ्स ऑफ स्टाफ कमिटी के भी स्थाई सदस्य होंगे।
पृष्ठभूमि
कारगिल युद्ध के बाद उठी थी CDS पद की मांग
भारत में तीनों सेनाओं के प्रमुख के तौर पर CDS पद बनाए जाने की मांग सबसे पहले कारगिल युद्ध के बाद उठी थी।
युद्ध के बाद गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता वाले मंत्रिमंडल समूह (GOM) ने CDS की स्थापना की सिफारिश की थी।
सिफारिश में कहा गया था कि अगर कारगिल युद्ध के समय ये व्यवस्था होती तो भारतीय सेनाओं को हुए नुकसान को कम किया जा सकता था।
कोशिश नाकाम
तीनों सेनाओं में असहमति के कारण नहीं बन पाया पद
इस सिफारिश के बाद तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने CDS पद बनाने की कोशिश की, लेकिन तीनों सेनाओं में इसे लेकर सहमति नहीं बनी।
जहां थल सेनाध्यक्ष और नौसेना प्रमुख इसके समर्थन में थे, वायुसेना प्रमुख ने इसे लेकर असहमति जताई थी।
आम सहमति न बनने के बाद CDS की जगह चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (CoSC) का पद बनाया गया, लेकिन इसके पास CDS जितनी शक्तियां नहीं होती हैं।
जानकारी
इन देशों में पहले से लागू है CDS व्यवस्था
दुनिया के कई बड़े देशों में CDS पद की व्यवस्था पहले से है। सेना के सभी विभागों में बेहतर तालमेल के लिए अमेरिका, चीन, ब्रिटेन, जापान और नाटो देशों की सेनाओं में CDS व्यवस्था पिछले काफी समय से काम कर रही है।
सेना में सफर
कैसा रहा है जनरल रावत का सफर?
शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल से पढ़े जनरल रावत खड़कवासला राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) से प्रशिक्षित हैं।
सेना के साथ उनके सफर की शुरूआत दिसंबर 1978 में हुई जब वो 11वीं गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन के साथ जुड़े। वो 'स्वॉर्ड ऑफ हॉनर' से सम्मानित हैं।
जनरल रावत पूर्वी सेक्टर में लाइन ऑफ अक्चुअल कंट्रोल (LOAC) के पास इनफ्रेंट्री बटालियन और कश्मीर में घाटी इनफेंट्री डिविजन की कमान संभाल चुके हैं।
जानकारी
दिसंबर 2016 में सेनाध्यक्ष बने थे जनरल रावत
दिसंबर 2016 में जनरल रावत को थल सेनाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। 31 दिसंबर को सेनाध्यक्ष के तौर पर उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है। पहले CDS के तौर पर उनका नाम काफी समय से चर्चाओं में चल रहा था।