
गैंगस्टर अनिल दुजाना की पुलिस एनकाउंटर में मौत, मेरठ में UPSTF से हुई मुठभेड़
क्या है खबर?
गैंगस्टर अनिल दुजाना की पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और दुजाना के बीच मेरठ में मुठभेड़ हुई, जिसमें दुजाना की मौत हो गई।
बता दें कि दुजाना पर 60 से ज्यादा मामले दर्ज हैं और पुलिस कई महीनों से उसकी तलाश कर रही थी। पुलिस ने दुजाना पर 75,000 रुपये का इनाम भी रखा था।
रिहाई
एक हफ्ते पहले ही जेल से रिहा हुआ था दुजाना
दुजाना दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद था और कुछ दिन पहले ही जमानत पर बाहर आया था।
जेल से बाहर आते ही दुजाना ने जयचंद प्रधान हत्याकांड में पत्नी और गवाह को धमकी दी थी। इसे लेकर दुजाना के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया था। उसके बाद से ही उत्तर प्रदेश पुलिस दुजाना की तलाश में जगह-जगह छापे मार रही थी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एनकाउंटर मेरठ के जानी इलाके में हुआ है।
मामले
दुजाना के खिलाफ 60 से ज्यादा मामले
दुजाना गौतमबुद्ध नगर में दादरी इलाके के दुजाना गांव का रहने वाला था।
उस पर गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और दिल्ली-NCR के अलग-अलग जिलों में 60 से अधिक मुकदमे चल रहे थे। इनमें हत्या, हत्या का प्रयास, धमकी, लूटपाट, डकैती और गैंगस्टर एक्ट जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं।
बताया जा रहा है कि पिछले करीब 3 दशकों से दुजाना अपराध की दुनिया में सक्रिय था। दुजाना बादलपुर कोतवाली थाने का हिस्ट्रीशीटर बदमाश था।
लिस्ट
सरकार की हिटलिस्ट में दुजाना का नाम
कुछ दिनों पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय से राज्य के शीर्ष 65 माफियाओं की लिस्ट जारी की थी। इसमें गौतमबुद्ध नगर जिले से दुजाना का नाम भी शामिल था।
पुलिस को खबर मिली थी कि दुजाना या तो नेपाल भागने की फिराक में है या किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की तैयारी कर रहा है। इसके बाद ही पुलिस ने दुजाना पर एक्शन की तैयारी कर ली थी।
सुंदर भाटी
दुजाना की सुंदर भाटी गैंग से थी दुश्मनी
दुजाना गैंगस्टर नरेश भाटी का करीबी था। नरेश की हत्या सुंदर भाटी ने करवाई थी, इसके बाद दुजाना और सुंदर भाटी गैंग के बीच दुश्मनी हो गई।
साल 2012 में दुजाना ने सुंदर भाटी और उसके साथियों पर AK-47 राइफल से हमला किया था। दोनों गैंग कई बार आमने-सामने आई और गोलियां चलीं।
फिलहाल दुजाना ही नरेश भाटी गैंग की सर्वेसर्वा था। दुजाना को पश्चिमी उत्तर प्रदेश का छोटा शकील भी कहा जाता था।