उत्तर प्रदेश: बुलेटप्रूफ जैकेट से पार निकली गोली, लेकिन पर्स ने बचाई पुलिसकर्मी की जान
उत्तर प्रदेश में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों में हिंसा की कई वारदातें सामने आई हैं। इनमें अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश कर रहे ऐसे ही एक पुलिसकर्मी कांस्टेबल विजेंद्र कुमार शनिवार को बेहद भाग्यशाली रहे जब एक गोली उनकी बुलेटप्रूफ जैकेट को पार कर गई, लेकिन उनके पर्स में जाकर अटक गई।
पर्स में थे चार ATM कार्ड और भगवान की तस्वीरें
विजेंद्र कुमार के साथ ये घटना तब हुई जब फिरोजाबाद में प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे थे। समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए उन्होंने कहा, "मैं नलबंद इलाके में ड्यूटी पर था जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने हम पर फायरिंग की। (पर्स में) चार ATM कार्ड और शिवजी और साईं बाबा की कुछ तस्वीरें थीं। ऐसा लगता है कि ये मेरा दूसरा जीवन हैं।" उन्होंने गोली से बचाने वाले अपने पर्स की तस्वीर भी दिखाई।
विजेंद्र कुमार के लिए भाग्यशाली साबित हुए पर्स
कई दिनों से हो रहे हैं उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन
बता दें कि पूरे उत्तर प्रदेश में पिछले कई दिनों से नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। इन प्रदर्शनों के दौरान अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है। मेरठ में पांच, कानपुर, बिजनौर और फिरोजाबाद में दो-दो और मुजफ्फरनगर, संभल और वाराणसी में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। वाराणसी में शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों पर पुलिस के लाठीचार्ज के बाद मची भगदड़ में एक आठ साल का बच्चे की मौत हुई थी।
250 से अधिक पुलिसकर्मी भी हुए घायल
पुलिस ने भी इस दौरान 263 पुलिसकर्मियों के घायल होने की बात कही है जिनमें से 57 गोली लगने से घायल हुए हैं। हिंसा की घटनाओं के मामले में 124 केस दर्ज किए गए हैं और 705 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि किसी उपद्रवी को बख्शा नहीं जाएगा और सरकार उपद्रव करने वाले लोगों की पहचान कर उनकी संपत्ति नीलाम करेगी और इस पैसे से नुकसान की भरपाई होगी।
क्यों हो रहा है नागरिकता कानून का विरोध?
बता दें कि नागरिकता कानून के खिलाफ देशभर में लोग सड़कों पर हैं और इसका विरोध कर रहे हैं। इस कानून में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में धार्मिक अत्याचार के कारण भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है। मुस्लिमों के इससे बाहर रखने जाने के कारण इसे भारत के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के खिलाफ बताया जा रहा है और इसका विरोध हो रहा है।