भारत मे मिला कोरोना के XE वेरिएंट का पहला मरीज; यह कितना खतरनाक है?
भारत में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार कमी आ रही है और अधिकतर राज्यों में पाबंदियों को हटा लिया गया है। इसी बीच देश में वायरस के बेहद संक्रामक माने जा रहे XE वेरिएंट का पहला मामला भी सामने आ गया है। बुधवार को महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में एक 50 वर्षीय महिला को इस वेरिएंट से संक्रमित पाया गया है। आइये जानते हैं आखिर क्या है XE वेरिएंट और यह अन्य वेरिएंटों की तुलना में कितना खतरनाक है।
क्या है कोरोना वायरस का XE वेरिएंट?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, कोरोना वायरस का XE वेरिएंट ओमिक्रॉन के दो सब वेरिएंट (BA.1 और BA.2) का म्यूटेंट हाइब्रिड है। यानी यह इन दोनों सब वेरिएंटों से मिलकर बना है। हालांकि, फिलहाल इसके दुनियाभर में कुछ ही मामले सामने आए हैं, लेकिन इसकी संक्रमण दर के बहुत अधिक होने की संभावना है। WHO ने कहा है कि इस वेरिएंट के ओमिक्रॉन के मूल वेरिएंट BA.2 की तुलना में करीब 10 प्रतिशत अधिक संक्रामक प्रतीत होता है।
किन-किन देशों में सामने आ चुके हैं XE वेरिएंट के मामले?
WHO के अनुसार, XE वेरिएंट का पहला मामला 19 जनवरी को ब्रिटेन में सामने आया था। तब से लेकर अब तक 600 से अधिक अनुक्रमों की रिपोर्ट और पुष्टि हुई है। ब्रिटेन के अलावा थाईलैंड और न्यूजीलैंड में भी इसके मामले सामने आए हैं।
भारत में भी हुई पहले मामले की पुष्टि
भारत में भी मुंबई में इसका पहला मामला सामने आ चुका है। बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि जीनोम सीक्वेंसिंग में 50 वर्षीय महिला को इस वेरिएंट से संक्रमित पाया गया है। उसे वैक्सीन की दोनों खुराकें लग चुकी है और वर्तमान में उसमें कोई गंभीर लक्षण नहीं है। BMC के अनुसार, महिला 10 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से लौटी थी। उस दौरान की गई कोरोना जांच में उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी।
कितनी तेजी से फैलता है XE वेरिएंट?
WHO के अनुसार, शुरुआती अनुमान के आधार पर XE वेरिएंट BA.2 की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक संक्रामक हो सकता है, लेकिन इस दावे की पुष्टि के लिए अधिक शोध की आवश्यकता है। WHO ने यह भी कहा है कि इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि XE वेरिएंट से संक्रमित मरीज में गंभीर लक्षण आते हैं या फिर उसे अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है। अभी तक ओमाइक्रोन वेरिएंट कम गंभीर लक्षण ही सामने आए हैं।
क्या हैं XE वेरिएंट के प्रमुख लक्षण?
विशेषज्ञों के अनुसार, XE वेरिएंट से संक्रमितों में से कुछ में हल्के तो कुछ में गंभीर लक्षण दिख सकते हैं। सामान्य लक्षणों में बुखार, गले में खराश, खांसी, जुुकाम, त्वचा में जलन और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल जैसे लक्षण शामिल है। इसी तरह गंभीर लक्षणों में हृदय रोग, धड़कन और कभी-कभी सांस लेने में तकलीफ प्रमुख है। संक्रमित को सबसे पहले थकान, चक्कर आना, सिरदर्द, गले में खराश, मांसपेशियों में दर्द, स्वाद और गंध की कमी तथा बुखार की शिकायत हो सकती है।
क्या XE वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी है वैक्सीन?
विशेषज्ञों के अनुसार, वैक्सीन भले ही XE वेरिएंट के खिलाफ पूर्ण सुरक्षा नहीं दे, लेकिन गंभीर बीमारी, अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु के खतरे को कम करेगी। हालांकि, वैक्सीन के वेरिएंट पर प्रभाव का और गहनता के साथ अध्ययन किया जा रहा है।
कैसे किया जा सकता है XE वेरिएंट से बचाव?
विशेषज्ञों के अनुसार, नाक और मूंह को ढंकने वाले मास्क लगाकर और सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर किसी भी वेरिएंट से बचा जा सकता है। इसके अलावा भीड़-भाड़ वाली जगहों या बंद कमरों में जाने से बचकर, इनडोर स्थानों में वेंटिलेशन के लिए खिड़कियां खोलकर, हाथों की नियमित सफाई या सैनिटाजर के इस्तेमाल से भी इससे सुरक्षित रहा जा सकता है। इसी तरह समय पर वैक्सीन की दोनों खुराकें लगवाकर इसकी गंभीरता को कम किया जा सकता है।
कैसे बनते हैं वायरस के नए वेरिएंट?
कोरोना महामारी फैलाने के पीछे SARS-CoV2 वायरस का हाथ है। वायरस के DNA में बदलाव को म्यूटेशन कहा जाता है। ज्यादा म्यूटेशन होने पर वायरस नया रूप ले लेता है, जिसे नया वेरिएंट कहा जाता है। वायरस के नए वेरिएंट के सामने आने के कई कारण हैं, जिसमें एक इसका लगातार प्रसार है। कोरोना से संक्रमित हर नया मरीज वायरस को म्यूटेट होना का मौका देता है। ऐसे में मरीज बढ़ने के साथ-साथ वेरिएंट की संभावना बढ़ जाती है।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
भारत में बीते दिन कोरोना वायरस से संक्रमण के 1,086 नए मामले सामने आए और 71 मरीजों की मौत दर्ज हुई। इनमें पुरानी मौतें भी शामिल हैं। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 4,30,30,925 हो गई है। इनमें से 5,21,487 लोगों की मौत हुई है। सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 11,871 रह गई है। हालात बेहतर होते देख सरकार ने महामारी के कारण लगाई गई पाबंदियां खत्म कर दी हैं।