
महाराष्ट्र में मंत्रालयों के बंटवारे पर लगी मुहर, अजित पवार को मिला वित्त मंत्रालय
क्या है खबर?
महाराष्ट्र में लंबे समय से मंत्रालयों को लेकर चल रही खींचतान के बाद अब विभागों के बंटवारे पर अंतिम मुहर लग गई है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के बागी नेता अजित पवार को अपना पसंदीदा वित्त मंत्रालय मिल गया है। उनके हिस्से में योजना मंत्रालय भी आया है।
पवार के साथ NCP छोड़कर आए छगन भुजबल, धनंजय मुंडे और हसन मुशरीफ को भी महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
मंत्रालय
किसे मिला कौन-सा मंत्रालय?
उपमुख्यमंत्री अजित को वित्त और योजना, छगन भुजबल को खाद्य और नागरिक आपूर्ति, दिलीप वल्से पाटिल को सहकारिता और हसन मुशरीफ को चिकित्सा शिक्षा मंत्रालय मिला है।
इसके अलावा धर्मराव अत्राम को खाद्य एवं औषधि प्रशासन, अदिति तटकरे को महिला एवं बाल विकास, संजय बनसोड़े को खेल एवं युवा मंत्रालय, धनंजय मुंडे को कृषि और अनिल भाई दास पाटिल को आपदा प्रबंधन और पुनर्विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है।
फडणवीस
अब फडणवीस और शिंदे के पास कौन से मंत्रालय?
अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पास सामान्य प्रशासन, शहरी विकास, परिवहन, सामाजिक न्याय, सूचना और जनसंपर्क, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन और खनन विभाग की जिम्मेदारी है।
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास गृह, कानून और न्याय विभाग की जिम्मेदारी है। इसके अलावा फडणवीस के पास जल संसाधन, लाभ क्षेत्र विकास ऊर्जा और शिष्टाचार विभाग भी हैं।
बंटवारे में शिंदे गुट को 3 और भाजपा को 5 मंत्रालय गंवाने पड़े हैं।
मंत्रिमंडल
अब कैसी हुई महाराष्ट्र मंत्रिमंडल की स्थिति?
महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में अधिकतम 43 सदस्य हो सकते हैं। आज हुए बंटवारे से पहले मुख्यमंत्री और 2 उपमुख्यमंत्रियों के अलावा भाजपा और शिंदे गुट वाली शिवसेना के 9-9 मंत्री थे। अब NCP के 9 मंत्रियों को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल गई है, जिसके बाद महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में 29 सदस्य हो गए हैं।
इससे पहले मंत्रिमंडल विस्तार अगस्त, 2022 में हुआ था। तब शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और भाजपा के 9 विधायकों को मंत्री पद मिला था।
नाराज
मंत्रालय आवंटन से शिंदे गुट नाराज?
खबर है कि NCP को वित्त और सहकारिता जैसे अहम मंत्रालय दिए जाने से शिंदे के गुट वाली शिवसेना के कई विधायक नाराज हैं।
शिंदे गुट के नेता पहले भी आरोप लगा चुके हैं कि अजित राशि बंटवारे को लेकर भेदभाव कर रहे हैं और NCP नेताओं को ज्यादा राशि आवंटित कर रहे हैं। अजित की वित्त मंत्रालय की मांग पर शिंदे हाल ही में हुई बैठकों में भी ऐतराज जता चुके हैं।
जानकारी
2 जुलाई को महाराष्ट्र सरकार में शामिल हुए थे अजित
बता दें कि 2 जुलाई को अजित के नेतृत्व में NCP के 8 विधायकों ने महाराष्ट्र सरकार को समर्थन दे दिया था। इसके बाद ही अजित को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था और बाकी 8 विधायकों को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी।