भारत के इस रेलवे स्टेशन पर जाने के लिए पड़ती है वीजा की जरूरत, जानिए कारण
आमतौर पर विदेशी यात्रा के लिए पासपोर्ट और वीजा होना अनिवार्य है, लेकिन आज हम आपको भारतीय रेलवे के एक ऐसे स्टेशन के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें आप पाकिस्तानी वीजा के बिना प्रवेश नहीं कर सकते हैं। जी हां, अगर आपके पास वीजा नहीं है तो आप सलाखों के पीछे भी जा सकते हैं। आइए जानते हैं कि भारत का कौन-सा रेलवे स्टेशन हैं, जहां जाने के लिए पाकिस्तान के वीजा जरूरत होती है।
भारतीयों को बिना वीजा इस स्टेशन पर जाने की नहीं है अनुमति
किसी भी भारतीय नागरिक को बिना पाकिस्तान वीजा के अटारी श्याम सिंह रेलवे स्टेशन में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। यहां जाने के लिए आपको वैध प्रामाणिक पाकिस्तान वीजा की आवश्यकता होती है। अगर आपको इस रेलवे स्टेशन के अंदर बिना वीजा के सुरक्षा कर्मियों द्वारा गिरफ्तार किया जाता है तो आप पर विदेशी अधिनियम की धारा 14 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। इस अधिनियम के तहत मामला दर्ज होने पर जमानत मिलने में सालों लग जाते हैं।
रेलवे स्टेशन पर रहती है कड़ी सुरक्षा
अटारी श्याम सिंह रेलवे स्टेशन पंजाब के अमृतसर जिले में स्थित है और यह वही स्टेशन है जहां से समझौता एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई गई थी। अटारी श्याम सिंह रेलवे स्टेशन के अधिकारियों के अनुसार, इस स्टेशन से पाकिस्तान की ट्रेनें चलती हैं और किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए स्टेशन पर सशस्त्र सुरक्षा कर्मियों द्वारा सख्त पहरा दिया जाता है। इसके अतिरिक्त, यहां आने वालों की कई स्तर पर जांच की जाती है।
अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बराबर सुविधाएं देता है स्टेशन
बता दें कि यह रेलवे स्टेशन 24 घंटे CCTV कैमरों की निगरानी में भी रहता है। अगर आपकी कोई यात्रा इस स्टेशन से शुरू होने वाली है तो याद रखें कि अपना सामान हल्का रखें क्योंकि किसी भी कुली को स्टेशन परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। एक बार जब आप स्टेशन में प्रवेश कर जाते हैं तो आपको एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बराबर की सुविधाएं मुहैया कराई जाती है।
भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली पहली ट्रेन थी समझौता एक्सप्रेस
'समझौता एक्सप्रेस' ऐसी ट्रेन थी, जिसकी सेवा को भारतीय रेलवे और पाकिस्तान रेलवे के बीच एक समझौते के तहत शुरू किया गया था। इस ट्रेन का संचालन 6 महीने के लिए भारतीय रेलवे और 6 महीने के लिए पाकिस्तान रेलवे करता था। बता दें कि यह ट्रेन 22 जुलाई, 1976 को 'शिमला समझौते' के तहत अटारी-लाहौर के बीच चलना शुरू हुई थी। हालांकि, अब इस ट्रेन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।