कोरोना: दिल्ली में चरम पार कर चुका संक्रमण, लेकिन अभी भी सावधानी की जरूरत- AIIMS निदेशक
देश में लगातार फैलते कोरोना संक्रमण के बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से राहत की खबर है। जानकारों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों के आंकड़ों से ऐसे संंकेत मिलते हैं कि दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण अपने चरम पर पहुंचकर नीचे की तरफ आ रहा है। सोमवार को दिल्ली में कई हफ्तों बाद पहली बार 1,000 से कम 954 नए मरीज मिले। पिछले महीने के अंत तक दिल्ली में 3,000 से ज्यादा मामले सामने आ रहे थे।
दिल्ली में नीचे की ओर आ रहा ग्राफ- गुलेरिया
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा, "अगर आप दिल्ली के आंकड़ों देखें तो पता चलता है कि यहां कर्व फ्लैट हो रहा है और यह नीचे की तरफ आ रहा है। इसलिए ऐसा संभव है कि दिल्ली में संक्रमण अपने चरम पर पहुंचकर नीचे आ रहा है, लेकिन दूसरे शहरों और अमेरिका आदि को देखते हुए अभी सावधानी बरतने की जरूरत है।"
उच्च-स्तरीय समिति का हिस्सा हैं गुलेरिया
गुलेरिया ने आगे कहा कि अगर लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करेंगे और मास्क नहीं लगाएंगे तो संक्रमण के मामले फिर बढ़ सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो दूसरी पीक भी आ सकती है। गुलेरिया गृह मंत्रालय द्वारा उस उच्च-स्तरीय समिति का भी हिस्सा हैं, जो दिल्ली में संक्रमण रोकने के लिए बनाई गई थी। जानकारी के लिए बता दें कि फिलहाल दिल्ली में कोरोना संक्रमितों के लिए आरक्षित 15,461 में से 11,976 खाली पड़े हैं।
"आगे भी ऐहतियात जारी रखने की जरूरत"
डॉक्टर गुलेरिया ने आगे कहा, "संक्रमण कुछ कम हुआ है। हमें सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनने, छोटे-छोटे कलस्टर पर कड़ी नजर रखने जैसे कदम उठाते रहना होगा। अभी तक जो ऐहतियात बरते जा रहे थे, उन्हें आगे भी जारी रखने की जरूरत है।"
अभी भी कड़े नियंत्रण की जरूरत- गुलेरिया
उन्होंने कहा कि अगर आगे भी दो सप्ताह तक लगातार मामले कम होते जाते हैं तो माना जा सकता है कि संक्रमण आगे नहीं फैलेगा। इसके लिए कड़े नियंत्रण और लोगों को नियमों का पालन करने की जरूरत है। साथ ही कंटेनमेंट जोन में सख्ती बरतनी पड़ेगी ताकि संक्रमण वहां से निकलकर दूसरी जगहों तक न पहुंचे। AIIMS निदेशक ने आगे कहा कि कुछ सप्ताह पहले की तुलना में दिल्ली में अब हालात बेहतर हैं।
अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या में भी भारी कमी- गुलेरिया
डॉक्टर गुलेरिया ने आगे कहा, "अगर हम उपलब्ध बेड के आधार पर देखें तो चार सप्ताह पहले की तुलना में आज काफी ज्यादा बेड खाली हैं। AIIMS में भी एक समय 800-1000 मरीज भर्ती थे और लोग डरे हुए थे। हमने बेड की संख्या बढ़ाकर 1,500 की, लेकिन अभी मामले कम हो रहे हैं। अब AIIMS में 400-500 मरीज ही भर्ती हैं। अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या में पिछले चार हफ्तों में लगभग 50 प्रतिशत की कमी आई है।"
मृत्यु दर को एक प्रतिशत से नीचे लाने की कोशिश- गुलेरिया
उन्होंने कहा कि वायरस को देखने का सबसे महत्वपूर्ण पैमाना है कि मृत्यु दर कितनी है। यही आगे चलकर सबसे ज्यादा मायने रखती है। गुलेरिया ने कहा, "हम मृत्यु दर को एक प्रतिशत से नीचे लाने की कोशिश कर रहे हैं और मुझे उम्मीद है कि हम इसमें सफल होंगे। पिछले महीनों में हमने काफी कुछ सीखा है। हम वायरस के बारे में ज्यादा जानते नहीं थे इसलिए अलग-अलग रणनीति तैयार कर रहे थे।"
अभी भी सावधानियों की जरूरत
आगे की सावधानियों के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा, "अभी हमारे पास प्रभावी एंटीवायरल दवा नहीं है। कुछ दवाएं हैं, लेकिन उनमें से कोई भी बहुत कामयाब नहीं कही जा सकती। वैक्सीन आने में भी अभी महीनों बाकी है। ऐसे में बेहतर इलाज के साथ मृत्यु दर घटाने पर फोकस होना चाहिए। साथ ही कोशिश करनी चाहिए कि संक्रमण के प्रसार को कम से कम किया जा सके। कोरोना के अलावा दूसरे मरीजों पर भी ध्यान देना होगा।"