कोरोना: देश में 1.37 लाख मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर, लगभग 50,000 ICU में
महामारी की दूसरी लहर के बीच केंद्र सरकार ने पहली बार उन मरीजों के आंकड़े जारी किए हैं, जिन्हें क्रिटिकल केयर की जरूरत पड़ी है। आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में अभी लगभग 50,000 कोरोना संक्रमित इन्टेंसिव केयर यूनिट (ICU) में हैं। इसी तरह लगभग 14,500 मरीज वेंटिलेटर पर और करीब 1.37 लाख मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत है। यह दिखाता है कि भारत में महामारी की दूसरी लहर पहली की तुलना में कितनी भयावह है।
पहली लहर की पीक पर क्या स्थिति थी?
पिछले साल सितंबर में महामारी की पहली पीक आई थी। यानी उस समय मामले चरम पर थे। उस वक्त देश में लगभग 23,000 कोरोना संक्रमित ICU में थे, 4,000 से कम वेंटिलेटर पर और 40,000 के करीब संक्रमितों की ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था।
स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने साझा किए थे आंकड़े
दूसरी लहर में कोरोना के कारण अस्पताल में भर्ती मरीजों के आंकड़े स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शनिवार को हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में साझा किए थे। बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में बताया कि अभी तक देश के सक्रिय मामलों में से 1.34 प्रतिशत (49,894) मरीज ICU में, 0.39 प्रतिशत (14,521) वेंटिलेटर पर और 3.7 प्रतिशत (1,37,768) मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। 7 मई को देश में सक्रिय मामलों की संख्या 37.23 लाख थी।
पहली लहर की तुलना में कितने गुना मरीजों को पड़ी क्रिटिकल केयर की जरूरत?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पहली लहर की पीक की तुलना में अभी देश में 3.6 गुना अधिक सक्रिय मामले हैं। इस दौरान ICU में भर्ती मरीजों की संख्या लगभग दोगुना, वेंटिलेटर वाले मरीजों की 3.6 गुना और ऑक्सीजन सपोर्ट वाले मरीजों की संख्या 3.4 गुना बढ़ी है। आंकड़ों में ये भी बताया गया है कि महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक कितने मरीज ICU में भर्ती हुए और कितनों को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ी है।
93 प्रतिशत मरीज बिना क्रिटिकल केयर ठीक हुए
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक देश में 4,88,861 कोरोना संक्रमितों को ICU बिस्तरों, 1,70,841 को वेंटिलेटर सपोर्ट और 9,02,291 को ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ी है। कुल मामलों के हिसाब से देखें तो लगभग 2.23 प्रतिशत मरीजों को ICU, 0.78 प्रतिशत को वेंटिलेटर और 4.12 प्रतिशत को कोरोना से लड़ने के लिए ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। इसका मतलब है कि 93 प्रतिशत संक्रमित बिना क्रिटिकल केयर के महामारी से ठीक हो गए।
इन 20 जिलों और महानगरों में सबसे अधिक सक्रिय मामले
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बयान में यह भी बताया है कि बेंगलुरू (शहरी), गंजम, पुणे, दिल्ली, नागपुर, मुंबई, एर्नाकुलम, लखनऊ, काझीकोड, ठाणे, नासिक, मलाप्पुरम, त्रिशूर, जयपुर, गुरुग्राम, चेन्नई, तिरुवनंतपुरम, चंद्रपुर, कोलकाता और पलक्कड़ ऐसे जिले और महानगर हैं, जहां कोरोना के सबसे ज्यादा सक्रिय मामले हैं। देश में संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार ने बीते दिन नई गाइडलाइंस भी जारी की है। इसे आप यहां टैप कर विस्तार से पढ़ सकते हैं।