AAP का ED पर गवाहों की ऑडियो डिलीट करने का आरोप, एजेंसी कर सकती है केस
दिल्ली की कैबिनेट मंत्री आतिशी के प्रवर्तन निदेशालय (ED) पर आरोप लगाने के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। ED उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, ED के सूत्रों ने आरोपों को 'झूठे, निराधार और दुर्भाग्यपूर्ण' बताया है और वह कानूनी कार्रवाई पर विचार कर रही है। अगर ऐसा होता है तो पहले से कई मामलों में घिरी AAP और आतिशी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आतिशी ने ED के खिलाफ "बड़ा खुलासा" किया था और उस पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि ED ने शराब नीति समेत अन्य मामलों की जांच में फर्जीवाड़ा किया और अब इसे छिपाने के लिए पिछले 2 सालों की जांच के CCTV फुटेज की ऑडियो रिकॉर्डिंग हटा रही है। उन्होंने पूछा कि ED किसे बचाने के लिए सारे ऑडियो डिलीट कर रही है।
आतिशी ने और क्या आरोप लगाए?
आतिशी ने दावा किया कि गवाहों को धमकाया गया और झूठे बयानों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने कहा, "एक गवाह ने बताया कि AAP नेताओं के खिलाफ बयान देने के लिए मेरे कान पर जोर से थप्पड़ मारा गया, जिससे उसके कान का पर्दे फट गया। दूसरे गवाह को कहा गया कि बयान नहीं देगा तो 'तेरी बेटी कॉलेज कैसे जाएगी?' जबकि तीसरे को कहा गया कि तेरी बीवी को जेल भेज देंगे।"
आतिशी बोलीं- आज तक घोटाले का कोई सबूत नहीं मिला
आतिशी ने कहा, 'ED के लिए किसी भी मामले को साबित करने के लिए 3 तरह के साक्ष्य की जरूरत पड़ती है। पैसे की रिकवरी, कोई पुख्ता सबूत और गवाही।' उन्होंने कहा, 'पिछले 2 सालों से AAP नेताओं को धमकी दी जा रही है। घोटाले के नाम पर किसी के घर छापा तो किसी को समन और किसी को गिरफ्तार किया। इसके बावजूद 2 साल में ED एक रुपया भी बरामद नहीं कर पाई, कोई ठोस सबूत नहीं मिला।'
ED के सूत्रों ने आरोपों पर क्या कहा?
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, ED के सूत्रों ने कहा कि CCTV फुटेज में ऑडियो नहीं है क्योंकि CCTV सिस्टम में ऑडियो का विकल्प नहीं था। उन्होंने जोर देकर कहा कि ED अधिकारियों ने कोई ऑडियो रिकॉर्डिंग नहीं हटाई है। सूत्रों ने कहा, एजेंसी पेशेवर तरीके से बयान दर्ज करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि AAP नेता अपने नेताओं पर लगे आरोपों से ध्यान भटकाने के लिए रोजाना आधारहीन आरोप लगाते हैं।
क्या है दिल्ली का शराब नीति मामला?
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को नई शराब नीति लागू की थी। इसके तहत शराब के ठेकों को निजी हाथों में सौंपा जाना था और 32 जोन में 849 दुकानें खुलनी थीं। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस नीति में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए CBI जांच की सिफारिश की थी। जुलाई, 2022 में सरकार ने इस नीति को रद्द कर दिया था। मामले में मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को गिरफ्तार किया जा चुका है।
जल बोर्ड में कथित घोटाले को लेकर AAP नेताओं के ठिकानों पर छापा
बता दें कि आज ED ने दिल्ली जल बोर्ड (DJB) में हुए कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार, राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता, दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व सदस्य शलभ कुमार के अलावा करीब 12 ठिकानों पर छापा मारा। मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) ने प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसके आधार पर ED ने जांच शुरू की।