शराब नीति मामले में मनीष सिसोदिया को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की जमानत याचिका
क्या है खबर?
दिल्ली के शराब नीति से जुड़े घोटाले में आम आदमी पार्टी (AAP) नेता मनीष सिसोदिया को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने आज सिसोदिया की जमानत याचिका को रद्द कर दिया है। इसी के साथ करीब 8 महीने से जेल में बंद सिसोदिया को अभी जेल में ही रहना होगा।
बता दें कि सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ सुनवाई कर रही थी।
कोर्ट
क्या बोला सुप्रीम कोर्ट?
जस्टिस खन्ना ने कहा, "विश्लेषण में कुछ ऐसे पहलू हैं, जिन्हें हमने संदिग्ध बताया है। हालांकि, 338 करोड़ रुपये के हस्तांतरण से संबंधित एक पहलू अस्थायी रूप से स्थापित हो गया है। हमने जमानत याचिका खारिज कर दी है।"
सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसियों को निर्देश दिया है कि मुकदमा 6 से 8 महीने में पूरा होना चाहिए। अगर कार्यवाही धीरे होती है तो सिसोदिया 3 महीने के भीतर फिर से जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं।
जेल
फरवरी से जेल में बंद हैं सिसोदिया
शराब नीति से जुड़े मामले में 26 फरवरी को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने सिसोदिया को गिरफ्तार किया था।
इसके बाद इसी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर ED ने उन्हें जेल से गिरफ्तार किया था।
दोनों एजेंसियों ने अलग-अलग मामला दर्ज किया है। सिसोदिया ने दोनों ही मामलों में जमानत याचिका दायर की थी।
सिसोदिया तिहाड़ जेल में बंद हैं। पिछले दिनों ED ने सिसोदिया समेत अन्य आरोपियों की करीब 52.24 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी।
आरोप
सिसोदिया पर क्या आरोप हैं?
सिसोदिया पर कमीशन लेकर शराब की दुकानों का लाइसेंस लेने वालों को अनुचित फायदा पहुंचाने का आरोप है। दरअसल, कोविड महामारी का हवाला देकर शराब कंपनियों की 144.36 करोड़ रुपये की निविदा लाइसेंस फीस माफ की गई थी।
आरोप है कि यह फैसला लेते वक्त सिसोदिया ने कैबिनेट को नहीं बताया और न ही उपराज्यपाल से इसकी अनुमति ली। उपराज्यपाल का आरोप है कि ऐसा तभी संभव है जब सिसोदिया को रिश्वत और कमीशन दिया गया हो।
आरोप
सिसोदिया पर ये आरोप भी लगे
सिसोदिया पर एयरपोर्ट पर शराब बेचने का लाइसेंस प्राप्त करने वाले लाइसेंसधारकों को 30 करोड़ रुपये रिफंड करने का भी आरोप है। ये लाइसेंसधारक एयरपोर्ट प्राधिकरण से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) नहीं हासिल कर पाए थे। दावा है कि ये पैसा रिफंड करने की बजाय जब्त किया जाना चाहिए था।
इसके अलावा बिना अनुमति के विदेशी बीयर पर 50 रुपये प्रति बॉक्स का आयात शुल्क भी हटा दिया गया, जिससे विदेशी बीयर सस्ती हो गईं और राजकोष को नुकसान हुआ।
केस
अगस्त, 2022 में CBI ने दर्ज की थी FIR
मामले में CBI ने 17 अगस्त, 2022 को FIR दर्ज की थी, जिसमें सिसोदिया समेत 3 अधिकारियों और 12 लोगों को आरोपी बनाया गया था।
2 दिन बाद ही CBI ने सिसोदिया समेत AAP के कई नेताओं के घर पर छापा मारा। दिल्ली समेत 6 राज्यों की 20 जगहों पर छापे मारे गए।
22 अगस्त, 2023 को ED ने भी इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था।