राम मंदिर को लेकर अयोध्या कूच करेंगे संत, 21 फरवरी को मंदिर के शिलान्यास का ऐलान
कुंभ मेले में शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती की ओर से बुलाई गई तीन दिवसीय धर्म संसद में संतों ने बड़ा ऐलान किया है। इस धर्म संसद में घोषणा हुई है कि साधु संन्यासी 10 फरवरी से अयोध्या के लिए कूच करेंगे और 21 फरवरी को राम मंदिर का शिलान्यास किया जाएगा। इस संसद में राम मंदिर निर्माण का प्रस्ताव पास किया गया। इस फैसले से जुड़े प्रस्ताव पर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने खुद दस्तखत किए।
क्या बोले स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती
पिछले कुछ महीनों से चर्चा में बने हुए राम मंदिर के मामले पर स्वामी स्वरूपानंद ने कहा कि राम मंदिर के लिए अब बलिदान देने का वक्त आ गया है। उन्होंने कहा कि अदालत का फैसला आने में अभी समय है, इसलिए संत समाज शांतिपूर्वक ढंग से अयोध्या कूच करेगा। अगर उन्हें रोकने के लिए गोलियां चलाई गईं तो भी वे पीछे नहीं हटेंगे। शंकराचार्य ने इस आंदोलन को 'रामाभिमानी अवज्ञा' नाम दिया है।
सुप्रीम कोर्ट में लंबित है राम मंदिर मामला
राम मंदिर मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इस मामले में 29 जनवरी को कोर्ट में सुनवाई होनी थी, लेकिन फिलहाल यह टल गई है। वहीं सरकार भी इस मामले में कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने इंटरव्यू में कह चुके हैं कि फिलहाल सरकार इस मामले में अध्यादेश लाने का विचार नहीं कर रही है। हालांकि, कई हिंदुवादी संगठन सरकार पर अध्यादेश लाने का दवाब बना रहे हैं।
सरकार ने वापस मांगी गैर-विवादित जमीन
हाल ही में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अयोध्या में गैर-विवादित जमीन को मूल मालिकों को लौटाने की अनुमति मांगी है। सरकार ने कहा, विवाद 2.77 एकड़ जमीन को लेकर है और उनके पास अधिग्रहित 67 एकड़ जमीन पर कोई विवाद नहीं है। साल 2003 में सुप्रीम कोर्ट ने विवादित स्थल के पास अधिग्रहित की गई 67 एकड़ जमीन पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। सरकार ने इस आदेश को वापस लेने की अपील की है।