कोरोना संकट: कई गुना बढ़ा मेडिकल ऑक्सीजन का आवंटन, अधिक राज्यों ने की मांग
देश में पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारण मेडिकल ऑक्सीजन की मांग काफी बढ़ी है। ताजा सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि केंद्र सरकार की तरफ से आवंटित होने वाली मेडिकल ऑक्सीजन की मात्रा 10,000 मीट्रिक टन प्रतिदिन से पार हो गई है। इसके अलावा केंद्र से ऑक्सीजन की मांग करने वाले राज्यों की संख्या में भी इजाफा देखा गया है और अब ज्यादा राज्य इसकी मांग कर रहे हैं।
24 अप्रैल को आवंटित हुई थी लगभग 8,300 मीट्रिक टन ऑक्सीजन
ऑक्सीजन आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए एंपावर्ड ग्रुप-2 के आंकड़ों से पता चलता है कि 8 मई को केंद्र सरकार ने 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 10,140 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आवंटित की थी। 24 अप्रैल को आवंटित होने वाली ऑक्सीजन की मात्रा 8,280 मीट्रिक टन थी और तब केवल 22 राज्यों को ऑक्सीजन आवंटित की गई थी। इसका मतलब है कि बीते तीन सप्ताह में हर राज्य में ऑक्सीजन की मांग बढ़ी है।
मार्च की तुलना में बढ़ी इतनी मांग
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, मार्च महीने के बाद से ही मेडिकल ऑक्सीजन की मांग कई गुना बढ़ गई है। पिछले साल महामारी की पहली लहर के दौरान 29 सितंबर को सबसे ज्यादा 3,095 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आवंटित की गई थी। उसकी तुलना अगर दूसरी लहर से करें तो 31 मार्च, 2021 को जहां 1,559 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आवंटित हुई, वहीं मई में यह आंकड़ा 10,000 मीट्रिक टन को पार कर गया है।
24 अप्रैल के बाद इन राज्यों ने मांगी ऑक्सीजन
आंकड़ों से पता चलता है कि 24 अप्रैल के बाद 11 नए राज्यों ने केंद्र से ऑक्सीजन आवंटन मांगा था। इनमें ओडिशा, झारखंड, पुडुचेरी, लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा शामिल हैं। सर्वाधिक सक्रिय मामलों वाले पांच शीर्ष राज्यों में से कर्नाटक को आवंटित होने वाली मात्रा में सबसे ज्यादा 27 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। बाकी चार राज्यों को लगभग पहले के बराबर ही ऑक्सीजन मिल रही है।
दिल्ली को कितनी ऑक्सीजन मिली?
राजधानी दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी का मुद्दा सुर्खियों में रहा था। यहां के कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के चलते मरीजों की मौत भी हुई थी। दिल्ली ने केंद्र से रोजाना 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग की है, लेकिन इसे 590 मीट्रिक टन मिल रही है। दिल्ली और कर्नाटक, दोनों जगहों की सरकारों ने अपने ऑक्सीजन कोटा बढ़ाने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। अदालतों ने इसे लेकर केंद्र को फटकार भी लगाई थी।
अधिक मामलों वाले राज्य को कम मिली ऑक्सीजन
11 मई को देश में 37 लाख से अधिक सक्रिय मामले थे। इनमें से 20 लाख (लगभग 54 फीसदी) से अधिक केवल महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में थे। इन राज्यों को 11 मई को आवंटित 10,140 मीट्रिक टन ऑक्सीजन में से केवल 4,306 मीट्रिक टन ही मिली थी। यानी लगभग 54 प्रतिशत सक्रिय मामलों वाले राज्यों को 43 फीसदी मात्रा आवंटित हो रही है। केंद्र सरकार स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बनाए गए फॉर्मूले से ऑक्सीजन आवंटित करती है।