केंद्र की राज्यों को सलाह, कुल जांच में से 30-40 प्रतिशत ही हो रैपिड एंटीजन टेस्ट
रैपिड एंटीजन टेस्ट (RAT) में कोरोना संक्रमण का पूरी तरह से पता नहीं चल पाने को देखते हुए केंद्र सरकार ने अब इनकी संख्या निर्धारित करने का कदम उठाया है। सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र भेजकर राज्य में होने वाली कुल कोरोना जांच में से RAT की संख्या 30 से 40 प्रतिशत तक ही निर्धारित करने को कहा है। इसके अलावा राज्यों को मानक RT-PCR टेस्ट पर अधिक ध्यान देने को कहा गया है।
क्या होते हैं रैपिड एंटीजन टेस्ट?
RT-PCR टेस्ट की तरह एंटीजन टेस्ट में भी यह देखा जाता है कि संदिग्ध व्यक्ति के शरीर में कोरोना वायरस मौजूद है या नहीं। हालांकि, RT-PCR टेस्ट में व्यक्ति के नाक या गले से लिए गए सैंपल में कोरोना वायरस के जेनेटिक मेटेरियल की उपस्थिति की जांच की जाती है, वहीं RAT में कोरोना वायरस के ऊपर या अंदर मौजूद रहने वाली प्रोटीन की उपस्थिति की जांच की जाती है। इस विधि में 30 मिनट में परिणाम आ जाता है।
विशेषज्ञों ने दी थी RAT टेस्ट में झूठी निगेटिव रिपोर्ट आने की चेतावनी
गत जुलाई में RAT की शुरुआत होने के बाद विशेषज्ञों ने इसमें झूठी निगेटिव रिपोर्ट आने की चेतावनी दी थी। विशेषज्ञों का कहना था कि RAT में लक्षण के बाद भी नेगेटिव रिपोर्ट आ सकती है। इसमें एक साथ अधिक लोगों की जांच तो की जा सकती है, लेकिन इसकी नेगेटिव रिपोर्ट पूरी तरह से सटीक नहीं होती है। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को RAT में निगेटिव आने वालों का RT-PCR टेस्ट करने की सलाह दी थी।
अधिकतर राज्यों में RAT पर किया जा रहा है फोकस
चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा RAT को लेकर चेतावनी जारी किए जाने के बाद भी जल्दी परिणाम आने को देखते हुए अधिकतर राज्यों में इस पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। वर्तमान में बिहार में किए गए कुल 1,00,99,322 टेस्टों में से 88 प्रतिशत, केरल में 43,28,416 में से 63 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश में किए गए 1,40,25,713 टेस्टों में से 60 प्रतिशत RAT हैं। ऐसे में यहां संक्रमितों की वास्तविक संख्या रिकॉर्ड से अधिक हो सकती है।
दिल्ली में RAT में निगेटिव आए 3,524 संदिग्ध मरीजों के हुई संक्रमण की पुष्टि
गत दिनों दिल्ली में PTI के रिपोर्टर द्वारा सूचना का अधिकार (RTI) के तहत मांगी गई जानकारी में चौंकाने वाली स्थिति सामने आई थी। रिपोर्ट में दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि RAT टेस्ट में 56,862 संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई थी। इसके बाद सभी का RT-PCR टेस्ट कराया तो इसमें से 3,524 संदिग्ध मरीजों के कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो गई। इस रिपोर्ट में संक्रमितों की वास्तविक संख्या पर सवाल खड़े कर दिए।
30-40 प्रतिशत तक सीमित रखें RAT की संख्या
द प्रिंट के अनुसार स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण और सचिव और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने राज्यों को पत्र लिखा है कि RAT का उपयोग बिना लक्षण या संपर्क में रहे लोगों की जांच के लिए ही किया जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना के लक्षण आने के पांच दिन बाद जांच में RAT का उपयोग ठीक नहीं है। ऐसे में राज्यों में कुल जांच की 30-40 प्रतिशत ही RAT से होनी चाहिए।
RAT में निगेटिव वाले संदिग्ध मरीजों की होनी चाहिए RT-PCR जांच
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि RAT की विश्वसनीयता दर कम है। ऐसे में इनमें निगेटिव आने वाले संदिग्ध मरीजों की हर हाल में RT-PCR जांच की जानी चाहिए। बता दें कि हाल में ICMR की बैठक में इस मुद्दे पर गहनता से चर्चा हुई थी।
RAT के सभी बैचों में स्थिरता रखने के भी दिए निर्देश
स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अलावा RAT की सप्लाई करने विक्रेताओं को भी सभी बैचों में स्थिरता रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि RAT के सभी बैचों में स्थिरता नहीं होने से जांच प्रभावित हो सकती है। मंत्रालय ने राज्यों को भी RAT सप्लाई करने वालों के यहां समय-समय पर जांच करने को कहा है। बता दें कि वर्तमान में देश में ICMR द्वारा मान्यता प्राप्त 50 RAT किट चलन में हैं।
भारत में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
भारत में बीते दिन कोरोना वायरस से संक्रमण के 29,398 नए मामले सामने आए और 414 मरीजों ने इसकी वजह से दम तोड़ा। तीन दिन में यह दूसरी बार है, जब नए मरीजों की संख्या 30,000 से कम रही है। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 97,96,769 हो गई है। इनमें से 1,42,186 लोगों को महामारी के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। अगर सक्रिय मामलों की बात करें तो इनकी संख्या घटकर 3,63,749 हो गई है।