दिल्ली सरकार का 55 लाख कर्मचारियों को दिवाली का तोहफा, बढ़ाया न्यूनतम वेतन
दिवाली के मौके पर दिल्ली सरकार ने दिल्ली में काम करने वाले लोगों को एक बड़ा तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को दिल्ली में न्यूनतम वेतन में 37 प्रतिशत वृद्धि का ऐलान किया है जिसका फायदा 55 लाख कर्मचारियों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस समय दिल्ली में देश में सबसे अधिक न्यूनतम वेतन दिया जा रहा है। उन्होंने दिल्ली सरकार के कर्मचारियों को दिवाली बोनस में एक महीने की सैलरी दिए जाने का ऐलान भी किया।
अकुशल कर्मचारियों का न्यूनतम मासिक वेतन होगा 14,842 रुपये
दिल्ली सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, अब दिल्ली में अकुशल कर्मचारियों का न्यूनतम मासिक वेतन 14,842 रुपये होगा यानि उन्हें प्रतिदिन 571 रुपये वेतन मिलेगा। वहीं अर्धकुशल कर्मचारियों का न्यूनतम मासिक वेतन बढ़ाकर 16,341 रुपये कर दिया गया है। कुशल श्रेणी में आने वाले कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन अब से 17,991 रुपये प्रति माह होगा। ऑफिस में और सुपरवाइजरी स्टाफ के रुप में काम करने वाले दसवीं से कम पढ़े लिखे लोगों को 16,341 रुपये हर महीने मिलेंगे।
स्नातक पास कर्मचारियों को हर माह 19,572 रुपये वेतन
वहीं दसवीं पास कर चुके लेकिन स्नातक से कम पढ़ाई करने वाले ऑफिस और सुपरवाइजरी स्टाफ को प्रति माह न्यूनतम 17,991 वेतन दिया जाएगा। स्नातक पास कर चुके ऐसे कर्मचारियों को हर माह 19,572 रुपये वेतन मिलेगा।
केजरीवाल ने कहा, न्यूनतम वेतन न देने वाले 1373 ठेकेदारों को हटाया
केजरीवाल ने इस मौके पर बताया कि दिल्ली सरकार अब तक कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन न देने वाले 1373 ठेकेदारों को हटा चुकी है। उन्होंने कहा, "हमने दो विशेष अभियान चलाए और न्यूनतम वेतन के नियम का उल्लंघन करने के लिए करीब 100 काम देने वालों पर केस किया। छह ठेकेदारों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया।" केजरीवाल ने ट्वीट कर इसे गरीबों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय बताया।
केजरीवाल बोले, फैसले से होगा अर्थव्यवस्था को फायदा
केजरीवाल ने फैसले को अर्थव्यवस्था से जोड़ते हुए ट्वीट में कहा, "गरीबी कम करने और आर्थिक मंदी से निपटने के लिए अहम कदम। गरीब की जेब में पैसा जाएगा तो वो रोजमर्रा का सामान खरीदेगा। इस से डिमांड बढ़ेगी, उत्पादन बढ़ेगा, लोगों को रोजगार मिलेगा।"
केजरीवाल ने कहा, देश में सबसे ज्यादा न्यूनतम वेतन दे रही दिल्ली
दो साल से कोर्ट में अटका था न्यूनतम वेतन वृद्धि का मामला
बता दें कि दिल्ली में न्यूनतम वेतन वृद्धि का मामला पिछले दो सालों से कोर्ट में अटका पड़ा हुआ था। दरअसल, 36 सदस्यीय एक समिति की सिफारिशों पर दिल्ली सरकार ने 2017 में न्यूनतम वेतन में वृद्धि की अधिसूचना जारी की थी। 44 नियोक्ता संघ इसके खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट पहुंच गए और हाई कोर्ट ने सरकार की अधिसूचना को रद्द कर दिया। इसके बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की।
14 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने दिया दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला
इसी 14 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला सुनाते हुए हाई कोर्ट का आदेश रद्द कर दिया और सरकार को न्यूनतम वेतन में वृद्धि की इजाजत दे दी। इसके बाद अब सरकार ने फिर से अधिसूचना जारी की है।
13,000 बस मार्शलों की तैनाती का भी ऐलान
वहीं एक अन्य कार्यक्रम में केजरीवाल ने सरकारी बसों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए तैनात बस मार्शलों की संख्या बढ़ाकर 13,000 करने की घोषणा भी की। अभी दिल्ली में लगभग 3,400 बस मार्शल हैं। सोमवार को नए भर्ती किए गए मार्शलों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि महिलाओं को बस में सुरक्षित महसूस करना चाहिए और दिल्ली सरकार महिला सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। इन मार्शलों की तैनाती मंगलवार से शुरू होगी।