दिल्ली: शादियों में नहीं आ सकेंगे ज्यादा मेहमान, संख्या निर्धारित करने के लिए आएगी पॉलिसी
दिल्ली में होने वाली खर्चीली शादियां सरकार के राडार पर हैं। सरकार जल्द ही इन शादियों के लिए नई पॉलिसी लेकर आने पर विचार कर रही है। दिल्ली सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में बताया कि वह खर्चीली शादियों में मेहमानों की संख्या सीमित करने और ऐसे समारोहों में खानपान की बर्बादी रोकने के लिए कैटरिंग सिस्टम को सही करने के लिए एक पॉलिसी बनाने पर विचार कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने जताई थी चिंता
दिल्ली सरकार का यह जवाब सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के बाद आया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने फार्म हाउसों द्वारा बड़ी मात्रा में पानी जमा करने पर चिंता जताई थी। कोर्ट ने कहा था कि जब लोगों के पास पीने का पानी नहीं है तब फार्म हाउस कैसे एक लाख लीटर तक पानी जमा कर सकते हैं। साथ ही कोर्ट ने इन शादियों में पानी और खाने की बर्बादी पर भी चिंता जताई थी।
पॉलिसी बनाने पर सरकार गंभीर
जस्टिस मदन बी लोकुर की बेंच के सामने पेश होते हुए दिल्ली के मुख्य सचिव विजय देव ने कहा कि सरकार ऐसे आयोजनों के लिए नई पॉलिसी बनाने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार और उप राज्यपाल मिलकर इस बारे में पॉलिसी बनाने पर सहमत हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे समारोहों में कृत्रिम तरीके से मांग को बढ़ाया जाता है और लोगों को इस वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
ये होंगे पॉलिसी के प्रावधान
मुख्य सचिव ने पॉलिसी के बारे में बताते हुए कहा कि इसमें मेहमानों की संख्या नियंत्रण करने, अतिरिक्त खाने को NGO में भेजने और खाने की बर्बादी रोकने के लिए नियमित जांच के प्रावधान हैं। इस पर बेंच ने मुख्य सचिव से खाने की बर्बादी रोकने के नियमों के कड़ाई से पालन के निर्देश दिए हैं। साथ ही मुख्य सचिव ने बेंच को जानकारी दी कि सरकार फार्म हाउस पॉलिसी में भी बदलाव करने के बारे में सोच रही है।
अगली सुनवाई 5 फरवरी को
दिल्ली सरकार की तरफ से इस पॉलिसी को तैयार करने के लिए 8 सप्ताह का समय मांगा गया था। बेंच ने छह सप्ताह का समय देते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 5 फरवरी की तारीख निर्धारित की है।