
दिल्ली में भाजपा के नए मुख्यमंत्री 'शीशमहल' में नहीं रहेंगे, चुनेंगे अलग आवास
क्या है खबर?
दिल्ली में 27 साल बाद वापसी करने वाली भाजपा के मुख्यमंत्री आलीशान 'शीशमहल' में नहीं रहेंगे। वह अपना अलग आवास चुन सकते हैं।
खबरों के मुताबिक, भाजपा ने भावी मुख्यमंत्री के नाम के साथ ही मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास के लिए भी जगह तलाशना शुरू कर दी है।
नए मुख्यमंत्री सिविल लाइंस स्थित फ्लैगस्टाफ रोड स्थित पूर्व मुख्यमंत्री के विवादित बंगले में नहीं रहेंगे।
यहां आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री के रूप में रहते थे।
आरोप
भाजपा ने बताया था बंगले को 'शीशमहल'
भाजपा द्वारा फ्लैगस्टाफ रोड स्थित बंगले को मुख्यमंत्री आवास के रूप में चुनना भारी पड़ सकता है, क्योंकि भाजपा ने ही सबसे पहले इसे 'शीशमहल' का नाम दिया था और इसके पुनर्विकास में घोटाले का आरोप लगाया था।
बंगले की भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) जांच कर रही है।
अरविंद केजरीवाल के बाद यह बंगला निर्वतमान मुख्यमंत्री आतिशी को आवंटित किया गया था। हालांकि, वह यहां रहने नहीं आई थीं।
विवाद
बंगले को लेकर क्या है विवाद?
भाजपा का आरोप है कि मुख्यमंत्री रहते हुए केजरीवाल ने बंगले की मरम्मत पर 44.78 करोड़ रुपये खर्च किए।
सितंबर, 2020 से जून, 2022 के बीच 6 किस्तों में ये राशि मार्बल फर्श, कंसल्टेंसी, बिजली संबंधी फिटिंग, अग्निशमन प्रणाली, अलमारी और किचन उपकरणों पर खर्च की गई।
पिछले साल गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद CBI और ED ने घर बनाने में कथित भ्रष्टाचार की जांच शुरू की।
भाजपा ने इसे आलीशान सुविधाओं वाला 'शीशमहल' बताकर चुनावी मुद्दा बनाया था।
आवंटन
दिल्ली में मुख्यमंत्री का नहीं है कोई सरकारी आवास
दिल्ली के मुख्यमंत्री के पास कोई सरकारी आवास नहीं होता। वह जिस आवास में रहता है, उसे ही आधिकारिक आवास माना जाता है।
फ्लैगस्टाफ रोड स्थित बंगला कभी लेखक सलमान रुश्दी के पूर्वजों का था। अभी उसके मालिक नरेन जैन हैं, जो AAP समर्थक हैं।
2013 में मुख्यमंत्री बनने से पहले केजरीवाल गाजियाबाद में रहते थे। मुख्यमंत्री बनने के बाद वे मध्य दिल्ली के तिलक लेन आ गए।
इसके बाद फ्लैगस्टाफ और आखिर में फिरोजशाह रोड स्थित बंगले में पहुंचे।
मुख्यमंत्री
कौन बनेगा दिल्ली का मुख्यमंत्री?
भाजपा ने 27 साल बाद विधानसभा चुनाव जीता है। 2020 में 8 सीट जीतने वाली भाजपा ने इस बार 70 सीट में 48 सीट जीती, जबकि 2020 में 62 सीट जीतने वाली AAP 22 पर सिमट गई।
भाजपा ने अभी मुख्यमंत्री का नाम तय नहीं किया, लेकिन इसमें प्रवेश वर्मा, मनजिंदर सिंह सिरसा, अरविंदर सिंह लवली, वीजेंद्र गुप्ता का नाम चल रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 फरवरी को फ्रांस-अमेरिका के दौरे से लौटकर इस पर फैसला ले सकते हैं।