इस साल मनाना चाहते हैं इको-फ्रेंडली दिवाली? तो फॉलो करें ये टिप्स
इस साल दिवाली 27 अक्टूबर को है। दिवाली को अब महज कुछ ही दिन बचे हैं, जिसे मनाने के लिए बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हर कोई उत्सुक है। लेकिन बदलते मौसम और बढ़ते प्रदूषण के कारण कुछ लोगों के मन में सेहत को लेकर भी डर बना हुआ है। ऐसे में हर किसी के लिए जरूरी है कि वह इस साल इको-फ्रेंडली दिवाली मनाए। अगर आप यह नहीं जानते कि इको-फ्रेंडली दिवाली कैसे मनाई जाती है, तो आइए जानें।
न धूम न धमाका, इस बार न हो पटाखा
अगर आप इको-फ्रेंडली दिवाली मनाना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको पटाखों से दूरी बनानी होगी, क्योंकि इससे वायु में प्रदूषण की मात्रा बढ़ती है। पटाखों का जहरीला धुंआ स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक होता है। दिवाली को पटाखों के बिना सुरक्षित तरीके से मनाने के लिए आप दूसरों को भी जागरुक कर सकते हैं। इसके अलावा आप इको-फ्रेंडली पटाखों का प्रयोग कर सकते हैं, क्योंकि इको-फ्रेंडली पटाखों से आवाज और धुआं दोनों ही कम मात्रा में उत्पन्न होते हैं।
चमचमाती लाइट्स को छोड़, इस्तेमाल करें एलईडी लाइट्स
दिवाली रोशनी का त्योहार है। इस मौके पर घरों को रोशन करने के लिए पहले मिट्टी के दीये जलाने का रिवाज था, लेकिन अब इनकी जगह चमचमाती लाइट्स ने ले ली है। बेहतर होगा यदि आप दीये जलाने वाले रिवाज को जारी रखें। साथ ही इस दिवाली आप एलईडी लाइट्स का प्रयोग भी कर सकते हैं, क्योंकि इन लाइट्स को बनाने में गैलियम फोस्फाइड का इस्तेमाल होता है, जिससे कम ऊर्जा की खपत में ज्यादा प्रकाश उत्पन्न होता है।
केमिकल युक्त चीजें छोड़ नैचुरल चीजों का करें इस्तेमाल
आमतौर पर बाजार में केमिकल युक्त रंगोली के रंग मिलते हैं। इसकी जगह नेचुरल रंग खरीदें। ये थोड़े महंगे जरूर पड़ेंगे, लेकिन ये पर्यावरण और आपकी सेहत के लिहाज से सबसे बेहतर हैं। इसके अलावा रंगोंली बनाने में नकली फूलों का इस्तेमाल न करें, क्योंकि ये फूल प्लास्टिक से बने होते हैं, जो पर्यावरण के लिए उचित नहीं है। इन फूलों की जगह नेचुरल फूलों का इस्तेमाल करें। ये फूल बायोडिग्रेडेबल होते हैं, जो पर्यावरण के लिए अनुकूल हैं।
डेकोरेशन में ईको-फ्रेंडली चीजों का ही करें इस्तेमाल
पिछले कुछ सालों से घर को सजाने वाले प्लास्टिक के सामान का इस्तेमाल बहुत बढ़ गया है। दिवाली पर यह घर सजाने के काम आते हैं, लेकिन कुछ दिनों बाद ही ये सड़कों और गलियों में बिखरे नज़र आते हैं। ये नालियां तो जाम करते ही हैं, साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाते हैं। अगर आप पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते हैं, तो इनकी जगह ईको-फ्रेंडली मटेरियल जैसे पेपर क्राफ्ट, बांस आदि से बनी चीजों का इस्तेमाल करें।