ट्रेन में पटाखे ले जाना है अपराध, हो सकती है तीन साल तक की जेल
दिवाली के मौक़े पर ज़्यादातर लोग अपने-अपने घर जाते हैं। घर जाते समय लोग शहरों से ख़रीदारी करके जाते हैं। ऐसे में कई लोग दिवाली के लिए पटाखे भी ख़रीद लेते हैं और ट्रेन में उन्हें अपने साथ घर ले जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ट्रेन में किसी भी तरह का ज्वलनशील पदार्थ ले जाना कानून अपराध है और ऐसा करने वाले को तीन साल तक की सज़ा भी हो सकती है। आइए जानें इससे जुड़े नियम।
रेलवे ने कुछ चीज़ों को ट्रेन में जाने पर लगाया है प्रतिबंध
दरअसल, ट्रेन की यात्रा के दौरान लागू होने वाले नियमों की जानकारी न होने की वजह से कई बार यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इन्ही में से एक है ट्रेन की यात्रा के दौरान ज्वलनशील पदार्थ और पटाखे न ले जाने का नियम। ऐसा करने पर आपको जेल की सज़ा भी हो सकती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय रेलवे ने यात्रा के दौरान कुछ चीज़ों को ले जाने पर प्रतिबंध लगाया है।
ट्रेन में ये वस्तुएँ ले जाना है प्रतिबंधित
ट्रेन की यात्रा के दौरान स्टोव, गैस सिलेंडर, किसी तरह का ज्वलनशील केमिकल, पटाखे, तेज़ाब, बदबुदार वस्तुएँ, चमड़ा या गीली खाल, तेल, ग्रीस, घी और ऐसी वस्तुएँ जिनके टूटने या टपकने से यात्रियों को नुकसान हो सकता है, पर प्रतिबंध लगाया है।
रेलवे ने ट्वीट करके दी जानकारी
रेलवे ने इस वजह से इन चीज़ों पर प्रतिबंध लगाया है, क्योंकि इससे यात्रियों की जान को ख़तरा हो सकता है। ऐसी वस्तुओं को साथ ले जाने पर रेलवे संबंधित व्यक्ति के ख़िलाफ़ कार्यवाई भी कर सकता है। हाल ही में रेलवे ने त्यौहारी सीज़न में ट्वीट करके ट्रेन और रेल परिसर में यात्रियों को ज्वलनशील सामग्री जैसे पटाखे, फूलझड़ी, गैस सिलेंडर, केरोसीन, बारूद आदि न ले जाने की सलाह दी है।
भारतीय रेलवे का ट्वीट
सज़ा के बारे में क्या कहता है नियम
ट्रेन यात्रा के दौरान प्रतिबंधित वस्तुएँ ले जाने पर व्यक्ति के ख़िलाफ़ रेलवे एक्ट की धारा 164 के तहत कार्यवाई की जा सकती है। इस धारा के तहत व्यक्ति के ऊपर 1,000 रुपये का जुर्माना या तीन साल की सज़ा या दोनों की सज़ा सुनाई जा सकती है। अगर आपको ट्रेन में या रेलवे परिसर में ऐसा कोई व्यक्ति दिखता है, जो इन नियमों का उलंघन करता है, तो आप उसकी शिकायत 108 पर कर सकते हैं।