वायुसेना की बढ़ेगी ताकत, 97 तेजस विमान और 156 प्रचंड हेलीकॉप्टर की खरीद को मिली मंजूरी
क्या है खबर?
आसमान में भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ने वाली है। रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने 97 अतिरिक्त तेजस विमान और 156 प्रचंड लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की खरीद को मंजूरी दे दी है। दोनों विमान स्वदेशी रूप से विकसित हैं और इन सौदों की कीमत करीब 1.1 लाख करोड़ रुपये है।
तेजस विमान का इस्तेमाल भारतीय वायुसेना और प्रचंड हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल वायुसेना के साथ ही थलसेना भी करेगी। इसके अलावा DAC ने कुछ और सौदों को भी मंजूरी दी है।
प्रस्ताव
2.23 लाख करोड़ के प्रस्तावों को मिली मंजूरी
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, वायुसेना के लिए लगभग 65,000 करोड़ रुपये की लागत से 97 तेजस MK1A विमान खरीदे जाएंगे। इसके अलावा 156 प्रचंड हेलीकॉप्टर खरीदने के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिली है।
84 सुखोई-30MKI लड़ाकू विमानों के नवीनीकरण योजना को भी मंजूर किया गया है। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि कुल मिलाकर 2.23 लाख करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी मिली है और इनमें से 98 प्रतिशत परियोजनाएं स्वदेशी हैं।
बैठक
रक्षा मंत्री की अगुवाई में हुई DAC की बैठक
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में DAC की बैठक हुई है। बैठक में भारतीय नौसेना के लिए मध्यम दूरी की एंटी-शिप मिसाइलों को खरीद को भी मंजूरी मिली है। भारतीय फील्ड गन की जगह लेने के लिए टोड गन सिस्टम के अधिग्रहण पर भी मुहर लगी है।
राशि के लिहाज से ये इतिहास में स्वदेशी निर्माताओं को मिलने वाला सबसे बड़ा ऑर्डर है। वायुसेना के पास नए विमानों को मिलाकर कुल 180 तेजस विमान हो जाएंगे।
प्रचंड
कितना ताकतवर है प्रचंड हेलीकॉप्टर?
वर्तमान में वायुसेना के पास 10 और थल सेना के पास 5 प्रचंड हेलीकॉप्टर हैं। 51 फीट लंबे ये हेलीकॉप्टर 5,800 किलोग्राम वजनी हैं।
इन पर 700 किलोग्राम वजनी हथियार लादे जा सकते हैं। ये 268 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार से लगातार 3 घंटे तक उड़ान भर सकते हैं।
इसमें 20 मिलीमीटर की एक तोप लगी होती है। राकेट, मिसाइल और बम तैनात करने के लिए 4 हार्डप्वाइंट भी दिए गए हैं।
तेजस
तेजस विमान की क्या है खूबी?
तेजस अधिकतम 1980 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। ये एक बार में 1,850 किलोमीटर दूरी तय कर सकता है।
इसमें 8 अलग-अलग तरह के हथियार लगाए जा सकते हैं। वर्तमान में इसमें एंटी-शिप मिसाइल लगी हुई है। भविष्य में इसमें और आधुनिक मिसाइलें लगाने की तैयारी है।
कहा जाता है कि तेजस अपने छोटे आकार के कारण रडार सिस्टम को चकमा देने की काबिलियत भी रखता है।