राजकीय सम्मान के साथ हुआ मुलायम सिंह यादव का अंतिम संस्कार, बेटे अखिलेश ने दी मुखाग्नि
समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का मंगलवार को उनके पैतृक गांव सैफई में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। बेटे और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मेला ग्राउंड स्थित अंत्येष्टि स्थल पर उनकी चिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान हजारों की संख्या में उनके समर्थक मौजूद रहे और उनके द्वारा लगाए गए 'नेताजी अमर रहे' के नारों से पूरा अंत्येष्टि गूंज उठा।
अंतिम दर्शनों के लिए उमड़ा नेताओं का हुजूम
मुलायम सिंह के अंतिम दर्शन के लिए नेताओं को हुजूम उमड़ पड़ा। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, कांग्रेस नेता कमलनाथ, मल्लिकार्जुन खड़गे, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी, NCP प्रमुख शरद पवार, भाजपा सांसद वरुण गांधी और योगगुरु बाबा रामदेव ने अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
अंतिम यात्रा में उमड़ा जन सैलाब
इससे पहले सुबह मुलायम सिंह के शव को तिरंगे में लपेटकर राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि स्थल लाया गया। इस दौरान अंतिम यात्रा में समर्थकों का सैलाब उमड़ पड़ा। हर कोई उनकी एक झलक पाने को आतुर था। इस दौरान पूरे रास्ते समर्थक 'नेताजी अमर रहे' का नारा लगाते चलते रहे। हालत यह रही कि मेला ग्राउंड ही नहीं, पूरे सैफई में पैर रखने की जगह नहीं दिखाई दे रही थी। लोगों ने पेड़ों पर चढ़कर उनके अंतिम दर्शन किए।
यहां देखें अंतिम संस्कार का वीडियो
इन्होंने भी दी मुलायम सिंह को श्रद्धांजलि
मुलायम सिंह को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मेनका गांधी, सचिन पायलट, जयंत चौधरी, सहारा प्रमुख सुब्रत राय, स्वामी प्रसाद मौर्य, अभिनेता अभिषेक बच्चन, उद्योगपति अनिल अंबानी, भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत और राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत आदि ने भी सैफई पहुंचकर श्रद्धांजलि दी।
अंतिम दर्शन के लिए बेकाबू हुई भीड़
श्रद्धाजंलि देने के लिए मंच तक न पहुंच पाने वाले लोगों के सब्र का बांध टूट गया और बैरिकेडिंग के नीचे और ऊपर से निकलकर मंच की तरफ बढ़ने लगे। इस पर पुलिस कमिश्नर डॉ राजशेखर ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की, लेकिन वो नहीं माने। उसके बाद प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने माइक पर लोगों से मार्मिक अपील करते हुए उन्हें शांत किया। इधर, वरुण गांधी को देखकर अखिलेश उनसे लिपटकर खूब रोए।
बारिश के बीच रातोंरात पत्नी के मेमोरियल के पास बनाया प्लेटफॉर्म
मेला ग्राउंड में पांच साल पहले तक सैफई महोत्सव होता था, लेकिन बाद में इसमें अति विशिष्ठ लोगों के अंतिम संस्कार किए जाने लग गए। ऐसे में मुलायम सिंह के अंतिम संस्कार के लिए भी यहीं पर प्लेटफॉर्म बनाया गया था। बारिश के बीच 50 मजदूरों ने रातोंरात 30x30 फीट का प्लेटफॉर्म तैयार कर दिया। यह प्लेटफॉर्म मुलायम की पहली पत्नी मालती देवी के मेमोरियल के बिल्कुल करीब बनाया गया था। मालती देवी की 2003 में मौत हुई थी।
जनता के नेता थे मुलायम सिंह यादव- बिरला
अंतिम विदाई देने के बाद लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि मुलायम सिंह जनता के नेता थे। उन्होंने अपने पूरे जीवन में गरीबों, किसानों की वकालत की। आज पूरा देश उदास है। इसी तरह राजनाथ सिंह ने कहा कि उनके और मुलायम सिंह के बीच बहुत मजबूत रिश्ता था। वह भारतीय राजनीति के एक बड़े व्यक्तित्व थे, यह देश के लिए बहुत बड़ी क्षति है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी ओर से श्रद्धांजलि देने को कहा है।
सोमवार सुबह हुआ था मुलायम सिंह का निधन
बता दें कि मुलायम सिंह का सोमवार सुबह करीब 8:16 बजे गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हुआ था। उन्हें हालात बिगड़ने पर 2 अक्टूबर को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया था। उसके बाद से ही उनकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी और वह जीवन रक्षक दवाइयों पर चल रहे थे। उनके निधन को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बसपा सुप्रीम मायावती आदि ने शोक जताया था।
उत्तर प्रदेश सरकार ने घोषित किया तीन दिन का राजकीय शोक
मुलायम सिंह के निधन को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को तीन दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया था। इसके अलावा उन्होंने सैफई पहुंचकर मुलायम सिंह के अंतिम दर्शन किए थे। इसी तरह बिहार सरकार ने भी उनके सम्मान में एक दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया था। बता दें कि मुलायम लगभग दो साल से बीमार चल रहे थे। परेशानी बढ़ने पर उन्हें अक्सर मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया जाता था।