मुरैना विमान हादसा: मिराज 2000 लड़ाकू विमान का ब्लैक बॉक्स मिला, खुलेंगे घटना के रहस्य
मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में शनिवार को दुर्घटनाग्रस्त हुए भारतीय वायुसेना के मिराज 2000 लड़ाकू विमान का ब्लैक बॉक्स मिल गया है। इसके अलाा सुखोई-30 विमान के फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर (FDR) का एक हिस्सा भी मलबे में मिला है। इस हादसे में मिराज 2000 विमान के पायलट शहीद हो गए थे, जबकि सुखोई-30 विमान से पैराशूट की मदद से बाहर निकलने में कामयाब रहे दो पायलट मामूली रूप से घायल हुए थे।
मुरैना के पहाड़गढ़ इलाके में मिला ब्लैक बॉक्स
PTI के मुताबिक, मुरैना के पुलिस अधीक्षक (SP) आशुतोष बागरी ने बताया, "मिराज 2000 विमान का ब्लैक बॉक्स मुरैना के पहाड़गढ़ इलाके में मलबे से मिला है। वहीं सुखोई-30 विमान के FDR का एक हिस्सा भी मिल गया है और उसके बचे हुए हिस्से के भरतपुर में मिलने की संभावना है।" बता दें कि सुखोई-30 विमान राजस्थान के भरतपुर में गिर गया था। दोनों विमानों के हवा में आपस में टकराने की संभावना जताई गई है।
हादसे में विंग कमांडर हनुमंत राव सारथी हुए थे शहीद
हादसे में मिराज 2000 विमान उड़ा रहे विंग कमांडर हनुमंत राव सारथी शहीद हो गए थे। वह मूल रूप से कर्नाटक के बेलगावी के रहने वाले थे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विंग कमांडर हनुमंत राव सारथी के निधन पर शोक जताया था। उन्होंने ट्वीट किया, 'बहादुर वायु योद्धा विंग कमांडर हनुमंत राव सारथी के निधन से गहरा दुख हुआ। उनके शोक संतप्त परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। हम इस कठिन समय में उनके परिवार के साथ खड़े हैं।'
वायुसेना ने दिए हैं जांच के आदेश
भारतीय वायुसेना ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। हादसे के बाद जारी किए गए बयान में उसने कहा था, "भारतीय वायुसेना के दो लड़ाकू विमान आज सुबह ग्वालियर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गए। विमान नियमित परिचालन उड़ान प्रशिक्षण अभियान पर थे।" वायुसेना ने आगे कहा था, "इन विमानों के तीन पायलट में से एक पायलट को घातक चोटें आईं। दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच का आदेश दे दिया गया है।"
क्या होता है ब्लैक बॉक्स?
ब्लैक बॉक्स एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होता है जो किसी भी विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की स्थिति में इसका कारण बता सकता है। एक हार्ड डिस्क की तरह ब्लैक बॉक्स उड़ान का सारा डाटा इकट्ठा करता है। यह कॉकपिट में पायलटों के बीच होने वाली बातचीत को भी रिकॉर्ड करता है ताकि पता लग सके कि दुर्घटना से ठीक पहले क्या हुआ था। यह कंप्यूटर अनाउंसमेंट, रेडियो ट्रैफिक और यात्रियों से संबंधित अनाउंसमेंट को भी रिकॉर्ड करता है।