देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या दो लाख पार, सरकार बोली- पीक अभी बहुत दूर
देश में कोरोना वायरस (COVID-19) के मामले तेजी से बढ़ते हुए दो लाख से पार पहुंच गए हैं, लेकिन इनकी पीक आना अभी काफी दूर है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) की वैज्ञानिक डॉक्टर निवेदिता गुप्ता ने मंगलवार को कहा कि देश अभी पीक से बहुत दूर है। उन्होंने कहा, "हम पीक से बहुत दूर हैं। हमारे ऐहतियाती कदम बेहद प्रभावी रहे हैं। हम दूसरे देशों की तुलना में काफी बेहतर स्थिति में हैं।"
क्या होता है पीक का मतलब?
किसी भी संक्रामक बीमारी में पीक का मतलब होता है कि उसके मामलों की संख्या एक बिंदु पर पहुंचकर कम होनी शुरू हो जाती है। भारत में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या में अभी तक ऐसा नहीं देखा गया है। पिछले कुछ दिनों से हर रोज रिकॉर्ड संख्या में नए मामले सामने आ रहे हैं। बीते दिन भी देश में कोरोना वायरस के 8,909 नए मरीज मिले, जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या 2,07,615 हो गई है।
नीति आयोग और AIIMS भी जता चुके ऐसी संभावना
ICMR से पहले नीति आयोग और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) भी पीक से जुड़े ऐसे बयान दे चुके हैं। इनका कहना था कि संक्रमण के मामले में जून और जुलाई भारत के लिए सबसे खराब महीने होंगे।
एक के बाद आ सकती है दूसरी पीक
जानकारों का कहना है कि संक्रामक बीमारियों का पीक आने का मतलब यह नहीं होता कि प्रकोप खत्म हो गया है बल्कि यह होता है कि सबसे बुरा दौर गुजर गया है। हालांकि, कई बार एक के बाद दूसरी पीक भी आ सकती है। कोरोना वायरस के बारे में ऐसी संभावना इसलिए भी जताना मुश्किल है क्योंकि यह नई महामारी है और इससे जुड़ी पूरी जानकारी अभी सामने नहीं आई है।
सामुदायिक प्रसार पर क्या कहती है सरकार?
जब गुप्ता से देश में कोरोना वायरस का सामुदायिक प्रसार शुरू होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "संक्रामक बीमारियों के बारे में जरूरी चीज यह होती है कि यह किस स्तर तक फैली है। सामुदायिक प्रसार शब्द का इस्तेमाल करने की जगह इसका फैलाव और यह समझने की जरूरत है कि हम दूसरे देशों की तुलना में कहां खड़े हैं। इसके लिए हमने 34,000 लोगों पर सर्वे शुरू किया है, जिसके नतीजे सप्ताह के अंत तक आएंगे।"
विशेषज्ञ बोले- सामुदायिक प्रसार हुआ शुरू
सरकार भले ही स्पष्ट तौर पर जानकारी देने से बच रही है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि कई इलाकों में संक्रमण का सामुदायिक प्रसार शुरू हो चुका है। इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन, इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन और इंडियन एसोसिएशन ऑफ एपिडिमियोलॉजिस्ट ने संयुक्त बयान में कहा कि यह उम्मीद करना बेमानी है कि इस चरण में कोरोना वायरस महामारी को दूर किया जा सकता है। देश के कई इलाकों में सामुदायिक प्रसार शुरू हो गया है।
क्या होता है सामुदायिक प्रसार?
सामुदायिक प्रसार तब शुरू होता है, जब कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित पाया जाए, लेकिन यह पता न चले कि वह व्यक्ति संक्रमित कैसे हुआ। यानी जब उसके संक्रमण के स्त्रोत का पता नहीं चलेगा तो इसे सामुदायिक प्रसार माना जाएगा। अगर कोई ऐसा व्यक्ति संक्रमित पाया जाता है जो न तो कोरोना वायरस से प्रभावित देशों से लौटा है और न ही किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आया है तो इसे सामुदायिक प्रसार का मामला माना जाएगा।
देश में एक लाख से ज्यादा लोग ठीक हुए
भारत में पिछले 24 घंटों में 4,776 मरीज ठीक हुए। इसी के साथ देश में कोरोना वायरस से ठीक होने वाले मरीजों की कुल संख्या 1,00,303 पहुंच गई है जो कुल मामलों की 48.31 प्रतिशत है। सक्रिय मामलों की संख्या 1,01,497 है।