दिल्ली-NCR में ट्रांसपोर्टर की हड़ताल, लोगों को नहीं मिल रहे ऑटो और कैब
गुरुवार को दिल्ली और नोएडा में ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने नए मोटर वाहन अधिनियम के विरोध में हड़ताल बुलाई है। इससे आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। हड़ताल को देखते हुए दोनों शहरों में कई प्राइवेट स्कूल बंद है। वहीं नोएडा में कई कंपनियों ने अपने ऑफिस में छुट्टी का ऐलान किया है। हड़ताल के तहत कलस्टर और प्राइवेट बसें, ऑटो रिक्शा, ऐप-बेस्ड कैब, ट्रक, ग्रामीण सेवा और स्कूल बसें सड़कों पर नहीं उतरेंगी।
कई स्कूलों ने घोषित की छुट्टी
मोटर वाहन अधिनियम के विरोध में यह एक दिवसीय हड़ताल यूनाइटेड फ्रंट ऑफ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (UFTA) ने बुलाई है। इसमें कुल 41 एसोसिएशन और यूनियन हैं। UFTA ने कहा कि गुरुवार को सुबह छह बजे से लेकर रात 09:30 बजे तक कोई भी प्राइवेट कमर्शियल वाहन सड़कों पर नहीं चलेगा। इसे देखते हुए कई स्कूलों ने गुरुवार को अवकाश घोषित कर दिया है वहीं कुछ स्कूलों ने अभिभावकों को अपने बच्चों को स्कूल पहुंचाने को कहा है।
इस मांग को लेकर हुई हड़ताल
UFTA के चेयरमैन हरीश सबरवाल ने कहा, "हमारी मुख्य मांग है कि नये मोटर वाहन अधिनियम के तहत लगने वाले जुर्माने की समीक्षा होनी चाहिए। यह और कुछ नहीं बल्कि भ्रष्टाचार का स्त्रोत है।" उन्होंने कहा, "सरकार ने जुर्माना बढ़ा तो दिया, लेकिन इसके सुविधाओं में कोई सुधार नहीं किया। ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के पास कैमरा और माइक्रोफोन नही है। सरकार ने कहा है कि ज्यादा कीमत वाले चालान ACP और SDM रैंक के अधिकारी करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा।"
UFTA ने दी अनिश्चितकालीन हड़ताल की धमकी
हड़ताल से एक दिन पहले UFTA ने कहा कि दिल्ली और केंद्र सरकार उन्हें हड़ताल करने पर मजबूर कर रहे हैं। सबरवाल ने कहा कि यह एक दिन की हड़ताल होगी। इसके बाद एसोसिएशन की आम बैठक होगी, तब तक अगर सरकार कोई समाधान नहीं निकालती है तो वो अनिश्चितकालीन हड़ताल बुलाएंगे। अनुमान है कि गुरुवार की हड़ताल के कारण ट्रांसपोर्टर को लगभग 23,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा।
1 सितंबर से लागू हुआ है नया अधिनियम
बीते 1 सितंबर से देश के कई राज्यों में नया मोटर वाहन अधिनियम लागू हुआ है। इसके तहत ट्रैफिक नियम तोड़ने पर भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है। सरकार का मानना है कि जुर्माने के डर से लोग नियमों का पालन करेंगे, जिससे सड़क हादसों में कमी आएगी। केंद्रीय सड़क मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि भारत में हर साल सड़क हादसों में होने वाली 1.5 लाख मौतों को रोकने के लिए नए कानून की जरूरत थी।
कानून को लेकर दो धड़ों में बंटे लोग
नए कानून को लेकर लोगों की मिली-जुली राय सामने आ रही है। कई लोग भारी जुर्माने के समर्थन में कह रहे हैं कि इससे लोगों में डर बना रहेगा और वो नियमों का उल्लंघन करने से बचेंगे। लोगों का कहना है कि सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए ऐसा जरूरी है। वहीं इसके विरोध में कुछ लोग यह दलील दे रहे हैं कि सरकार खराब सड़कों को दुरुस्त करने की बजाय लोगों पर जुर्माने का भार बढ़ा रही है।
बिना लाइसेंस ड्राइविंग पर 5,000 रुपये का जुर्माना
नए मोटर वाहन कानून के तहत अगर किसी को बिना लाइसेंस के ड्राइविंग करते हुए पकड़ा जाता है तो उस पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगेगा। पहले बिना लाइसेंस ड्राइविंग पर 500 रुपये का चालान कटता था। अयोग्य करार दिए जाने के बावजूद ड्राइविंग करने वालों पर जुर्माना 500 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया गया है। एंबुलेंस को रास्ता न देने पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगेगा।
नियमों के उल्लंघन पर लग रहा लाखों रुपये जुर्माना
नया मोटर वाहन अधिनियम लागू होने के बाद दिल्ली में एक ट्रक ड्राइवर का दो लाख रुपये का चालान कटा है। यह नए कानून के तहत लगाया गया सबसे बड़ा जुर्माना है। दिल्ली में बुधवार को एक ट्रक ड्राइवर का कुल 2.05 लाख रुपये का चालान कटा था। यह ट्रक दिल्ली के मुकरबा चौक से भलस्वा की तरफ जा रहा था। इससे पहले दिल्ली में ही एक ड्राइवर पर 1.41 लाख रुपये का जुर्माना लगा था।