महाराष्ट्र: कोरोना वायरस से जंग जीतने के बाद अब प्लाज्मा दान करने में आगे धारावी
एशिया के सबसे बड़े स्लम धारावी ने कोरोनो वायरस के संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों के बाद सरकार की रातों की नींद को हराम की थी। हालांकि, बाद में सरकार के ठोस प्रयासों से धारावी की स्थिति बदल गई और अब 85% रिकवरी दर के साथ एक सफल कहानी के रूप में देखी जा रही है। महामारी से निपटने के प्रयासों से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को प्रभावित करने के बाद धारावी अब प्लाज्मा दान में भी आगे है।
BMC ने गुरुवार को पहली बाद धारावी में स्क्रीनिंग कैंप लगाया
बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने गुरुवार को धारावी के कामराज स्कूल में प्लाज्मा दान के लिए अपनी तरह का पहला स्क्रीनिंग शिविर स्थापित किया। इसमें कोरोना वायरस को मात देने वाले लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित किया गया। हालाँकि, अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों को इस प्रक्रिया से दूर रखा गया था। अब लिए गए सैंपल की KEM, सायन या नायर अस्पताल में जांच के बाद योग्य लोगों को प्लाज्मा दान के लिए बुलाया जाएगा।
प्लाज्मा दान के लिए पहले दिन सामने आए लोग
प्लाज्मा दान के लिए लगाए गए शिविर में पहले दिन ही 49 लोग अपनी इच्छा से पहुंच गए। यह शिविर आगे भी कुछ दिनों तक जारी रहेगा। अधिकारियों ने शिविर में करीब 350 लोगों के प्लाज्मा दान देने की उम्मीद जताई है। धारावी के एक 42 वर्षीय व्यक्ति ने TOI से कहा कि वह उन कठिनाइयों को समझते हैं जिनसे मरीज गुजरते हैं। अगर वे किसी और के ठीक होने में मदद कर सकते हैं तो उन्हें बहुत खुशी होगी।
रहता है प्लाज्मा दान करने वालों के पलटने का डर
गौरतलब है कि प्लाज्मा थेरेपी को गंभीर रूप से बीमार कोरोना वायरस रोगियों के उपचार के लिए जाना जाता है, लेकिन डोनर की कमी के कारण यह बहुम मुश्किल प्रकिया है। मुंबई में अभी करीब 10 बैंकों को लाइसेंस दिया गया है। ठीक होने वाले मरीजों के प्लाज्मा दान करने से पलटने का भी डर रहता है। इसका कारण है कि मरीजों को दो अस्पताल जाना पड़ता है। एक बार जांच के लिए और दूसरी बाद प्लाज्मा दान के लिए।
BMC ने 450 रिकवर मरीजों से किया संपर्क किया
उम्मीद है कि धारावी सभी के लिए एक मिशाल पेश करेगी। BMC ने 2,121 रिकवर मरीजों में से 450 से संपर्क किया। जी-नॉर्थ वार्ड के सहायक नगर आयुक्त किरण दिघावकर ने कहा कि धारावी में 75% मरीज 21-60 आयु वर्ग में आते हैं। उनमें से अधिकांश आवश्यक या स्वास्थ्य कार्यकर्ता थे। उन्होंने कहा कि इन लोगों के कोरोना महामारी के संकट को करीब से देखने के कारण उन्हें दान के लिए तैयार करना आसान था।
दानदाताओं को दिए जाएंगे प्रशंसा प्रमाणपत्र
दिघावकर ने कहा, "यदि ये लोग प्लाज्मा दान करने के लिए आते हैं तो यह बहुत ही अच्छा होगा। इसका कारण है कि युवाओं में अन्य बीमारियां होने का खतरा कम रहता है"। उन्होंने कहा कि दानदाताओं को प्रशंसा प्रमाणपत्र भी दिए जाएंगे।
महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण से हुई 12,000 लोगों की मौत
बता दें कि महाराष्ट्र में हर नए दिन के साथ कोरोना संक्रमण की स्थिति बिगड़ती जा रही है। यह भारत का एकमात्र राज्य है जहां मरने वालों की संख्या 12,000 को पार कर गई है। राज्य में सामने आए 3,37,607 कुल संक्रमितों में से अब तक 12,556 की मौत हो चुकी है। मौत के मामले में राजधानी दिल्ली दूसरे पायदान पर है। यहां अब तक 3,719 लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में महाराष्ट्र की स्थिति खराब है।