बच्चों पर जल्द शुरू होंगे कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन के ट्रायल
क्या है खबर?
हैदराबाद स्थित फार्मा कंपनी भारत बायोटेक जल्द ही बच्चों और नौजवानों पर अपनी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन के ट्रायल शुरू करने वाली है।
बताया जा रहा है कि कंपनी इस महीने के अंत या अगले महीने की शुरुआत में 2-18 साल के बच्चों और नौजवानों पर कोवैक्सिन के ट्रायल शुरू कर देगी।
इसके लिए नागपुर के एक अस्पताल का चयन भी हो चुका है और कंपनी अब सरकार से औपचारिक मंजूरी मिलने का इंतजार कर रही है।
जानकारी
व्यस्कों को दी जा रही कोवैक्सिन की खुराक
बता दें कि देश में व्यस्कों को कोवैक्सिन की खुराक दी जा रही है।
भारत सरकार ने जनवरी की शुरुआत में सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड के साथ-साथ कोवैक्सिन को भी आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी थी।
इसके बाद 16 जनवरी से देश में शुरू हुए दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान में इस वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है।
हालांकि, कुछ वर्गों ने इस वैक्सीन को ट्रायल पूरे होने से पहले मंजूरी दिए जाने पर सवाल उठाए थे।
कोरोना वायरस
मई तक बच्चों के लिए वैक्सीन आने की उम्मीद
पिछले महीने भारत बायोटेक के MD कृष्णा इल्ला ने कहा था कि अगले चार महीनों यानी मई तक बच्चों के लिए वैक्सीन तैयार हो जाएगी।
TOI से बात करते हुए ट्रायल के कॉर्डिनेटर डॉक्टर आशीष ताजने ने कहा कि ये दुनियाभर में अपनी तरह के पहले ट्रायल होंगे, जहां बच्चों से लेकर नौजवानों तक पर वैक्सीन के असर को परखा जाएगा।
उन्होंने बताया कि जल्द ही कोवैक्सिन की नाक के जरिये दी जाने वाली खुराक के ट्रायल भी शुरू होंगे।
कोरोना वैक्सीन
भारत में बच्चों पर ट्रायल के लिए केवल कोवैक्सिन मुफीद
डॉक्टर ताजने ने यह भी बताया कि इन ट्रायल्स के लिए वॉलेंटियरों को 2-5 साल, 6-12 और 12-18 साल के वर्ग में बांटा जाएगा। इसके लिए खास नियमों का पालन किया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत 16 साल से कम उम्र के बच्चों को केवल निष्क्रिय वायरस वाली वैक्सीन की खुराक लगाई जा सकती है।
भारत में केवल कोवैक्सिन ऐसी वैक्सीन है, जो इस तरीके से बनाई गई है। इसलिए बच्चों पर इसके ट्रायल किए जाएंगे।
जानकारी
कोवैक्सिन को एक बार मिल चुकी है इस्तेमाल की मंजूरी
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने पिछले महीने की शुरुआत में कुछ शर्तों के साथ कोवैक्सिन के 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए इस्तेमाल की अनुमति दी थी, लेकिन बाद में यह मंजूरी वापस ले ली गई।
इसके बाद भारत बायोटेक ने कहा था कि वह 2-18 साल के बच्चों और नौजवानों पर वैक्सीन के ट्रायल की मंजूरी के लिए प्रस्ताव देगी।
कंपनी को जल्द ही इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिलने की उम्मीद है।
कोवैक्सिन
पूरी तरह स्वदेशी वैक्सीन है कोवैक्सिन
गौरतलब है कि भारत बायोटेक ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के साथ मिलकर कोवैक्सिन को विकसित किया है और ये पूरी तरह से स्वदेशी वैक्सीन है।
ICMR के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने भारत बायोटेक को जिंदा वायरस प्रदान किया था, जिसे निष्क्रिय करके कंपनी ने वैक्सीन विकसित की।
पहले और दूसरे चरण के ट्रायल में इसे सुरक्षित पाया गया था और ये इम्युनिटी पैदा करने में कामयाब रही थी। तीसरे चरण का ट्रायल अभी चल रहा है।