लक्षण वाले लोगों के एंटीजन टेस्ट का नतीजा नेगेटिव आने पर दोबारा टेस्ट करें राज्य- केंद्र
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ऐसे लोग जिनके एंटीजन टेस्ट का नतीजा नेगेटिव आया है लेकिन जिनमें कोरोना वायरस के संक्रमण के लक्षण दिख रहे हैं, उनका RT-PCR टेस्ट की मदद से दोबारा टेस्ट करने को कहा है। टेस्टिंग को लेकर मंत्रालय और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) की गाइडलाइंस में ये बात पहले से ही थी, हालांकि कई राज्य इसका पालन नहीं कर रहे थे जिसके बाद ये निर्देश जारी किया गया है।
क्या होते हैं एंटीजन टेस्ट?
भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच के लिए मुख्य तौर पर दो टेस्टों- एंटीजन टेस्ट और RT-PCR टेस्ट- का प्रयोग किया जा रहा है। इन दोनों ही टेस्ट में नाक या गले से सैंपल लिया जाता है, लेकिन जहां RT-PCR टेस्ट में सैंपल में कोरोना वायरस के जेनेटिक मेटेरियल की उपस्थिति की जांच की जाती है, वहीं एंटीजन टेस्ट में कोरोना वायरस के ऊपर या अंदर मौजूद रहने वाली प्रोटीन की उपस्थिति की जांच की जाती है।
RT-PCR टेस्ट के मुकाबले कम भरोसेमंद है एंटीजन टेस्ट
RT-PCR टेस्ट एंटीजन टेस्ट के मुकाबले अधिक सटीक होता है और इसी कारण इसे कोरोना वायरस का सबसे अच्छा टेस्ट माना जाता है। वहीं एंटीजन टेस्ट की संवेदनशीलता 50.6 प्रतिशत से लेकर 84 प्रतिशत के बीच में है, यानि अगर इसका नतीजा नेगेटिव आता है तो इसके सही होने की संभावना 50.6 प्रतिशत से 84 प्रतिशत होती है। इसके विपरीत पॉजिटिव नतीजे 99.3 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत तक सटीक होते हैं।
ICMR ने दी हुई है लक्षणों वाले लोगों का दोबारा टेस्ट करने की सलाह
चूंकि एंटीजन टेस्ट करने पर कुछ पॉजिटिव छूट जाते हैं, इसी कारण ICMR और स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी गाइडलाइंस में कोरोना वायरस से संक्रमण जैसे लक्षणों वाले लोगों का दोबारा टेस्ट करने की सलाह दी हुई है। कई राज्यों में इन गाइडलाइंस का पालन करते हुए लक्षणों वाले लोगों का दोबारा RT-PCR टेस्ट किया जा रहा है और इनमें से कई लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित भी पाया गया है।
कुछ बड़े राज्य नहीं कर रहे थे गाइडलाइंस का पालन
हालांकि कुछ बड़े राज्य इन गाइडलाइंस का पालन नहीं कर रहे थे और आज जारी किए गए अपने निर्देश में स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऐसे ही राज्यों का हवाला देते हुए नेगेटिव एंटीजन टेस्ट वाले ऐसे लोगों जिनमें संक्रमण के लक्षण दिख रहे हों, उनका RT-PCR टेस्ट की मदद से दोबारा टेस्ट करने को कहा है। मंत्रालय ने कहा है कि ये लोग कोरोना वायरस का संक्रमण न फैलाएं, ये सुनिश्चित करने के लिए दोबारा टेस्ट करना जरूरी है।
पिछले दो महीने में दो प्रतिशत से 44 प्रतिशत हुई एंटीजन टेस्ट की हिस्सेदारी
गौरतलब है कि देश में हालिया समय में एंटीजन टेस्ट का प्रयोग बढ़ा है और पिछले दो महीने में रोजाना होने वाले टेस्टों में एंटीजन टेस्ट की हिस्सेदारी दो प्रतिशत से बढ़कर 44 प्रतिशत हो गई है।