पंजाब: अफवाहों के कारण टेस्टिंग कराने से डर रहे ग्रामीण, वापस लौटाए जा रहे स्वास्थ्यकर्मी
भारत में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और इसके खिलाफ लड़ाई महीने-दर-महीने बढ़ती ही जा रही है। इस लड़ाई में अफवाहें एक बड़ी बाधा बनकर उभरी हैं और इसके कारण लोग न तो कोरोना वायरस की टेस्टिंग करा रहे हैं और न ही समय पर अस्पताल पहुंच रहे हैं। पंजाब में ये समस्या सबसे अधिक है और यहां ग्रामीण अफवाहों का हवाला दे टेस्टिंग कराने से इनकार कर दे रहे हैं।
फैल रहे कोरोना वायरस के बहाने इंसानी अंगों की तस्करी की अफवाह
'BBC' की रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब के ग्रामीण इलाकों में अफवाह फैल रही है कि कोरोना वायरस के बहाने इंसानी अंगों की तस्करी की जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि जिन लोगों को कोई बीमारी नहीं है, कोरोना वायरस के बहाने उन्हें ले जाया जाता है और मारकर उनके अंग निकाल लिए जाते हैं। इंटरनेट और सोशल मीडिया तक ग्रामीणों की पहुंच ने इन अफवाहों को और मजबूती दी है।
ज्यादा मौतें दिखाने के लिए सरकार को पैसे मिलने की अफवाह भी फैल रही
पंजाब के ग्रामीण इलाकों में एक अफवाह ये भी फैल रही है कि डॉक्टरों और सरकार को कोरोना वायरस से ज्यादा मौतें दिखाने के लिए पैसे मिल रहे हैं और इसी कारण इतनी बड़ी संख्या में मामले और मौतें दिखाई जा रही हैं। एक अफवाह ये भी है कि कोरोना वायरस के आंकड़ों को इसलिए बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जा रहा है ताकि लोगों को नियंत्रण में रखा जा सके और विरोध-प्रदर्शन न हो।
शवों की अदला-बदली के कारण भी डरे हुए हैं लोग
एक अफवाह कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों के शवों की अदला-बदली को लेकर भी फैल रही है। ग्रामीणों का कहना है कि वे देखते हैं कि जब किसी बूढ़े की मौत होती है तो उसके परिजनों को किसी युवा महिला का शव सौंप दिया जाता है। उनका कहना है कि इस स्थिति में वे स्वास्थ्यकर्मियों पर भरोसा कैसे कर सकते हैं। शवों की अदला-बदली के ऐसे कुछ मामले सामने भी आए हैं, हालांकि ये निजी गलतियों के कारण हुआ है।
स्वास्थ्यकर्मियों को गांव से वापस भगा दे रहे हैं ग्रामीण
इन सभी अफवाहों और घटनाओं के कारण पंजाब के ग्रामीण कोरोना वायरस की टेस्टिंग नहीं करा रहे हैं और स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला कर उन्हें गांव से वापस भगा देते हैं। लोगों को कहना है, "हम टेस्टिंग का विरोध नहीं कर रहे, लेकिन लोगों को जबरदस्ती ले जाने का विरोध कर रहे हैं। जब लोगों को ले जाया जाता है तो वे सामान्य होते हैं, लेकिन वे मरे हुए लौटते हैं और उनके अंग निकाल लिए जाते हैं।"
पंजाब सरकार ने कहा- कोविड से मरने वालों को कोई छू भी नहीं सकता
मामले पर BBC से बात करते हुए पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा, "ये सभी अफवाह हैं। कोविड के कारण मरने वालों को कोई छू भी नहीं सकता है। लाश को बांध कर अंतिम क्रिया के लिए भेज दिया जाता है। अंगों को निकाले जाने का तो सवाल ही नहीं उठता है।" मामले को लेकर राजनीति भी खूब हो रही है और मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने आम आदमी पार्टी (AAP) पर अफवाहें फैलाने का आरोप लगाया है।
देरी से टेस्टिंग के कारण हो रही ज्यादा लोगों की मौत
टेस्टिंग को लेकर लोगों के इस डर का असर पंजाब के कोरोना वायरस संबंधित आंकड़ों पर भी पड़ रहा है और राज्य की मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से अधिक बनी हुई है। राज्य में 69,684 लोगों पर 2,061 मरीजों की मौत हुई है और उसकी मृत्यु दर लगभग तीन प्रतिशत है। अधिकारियों का कहना है कि देरी से टेस्टिंग के कारण लोग बीमारी बढ़ने पर अस्पताल पहुंच रहे हैं और इसरके कारण उन्हें बचाना मुश्किल हो रहा है।