
राफेल सौदे को लेकर फिर से आमने-सामने कांग्रेस और भाजपा, एक दूसरे पर लगाए आरोप
क्या है खबर?
राफेल लड़ाकू विमान सौदे में एक बिचौलिए को कथित तौर पर रिश्वत दिए जाने के संबंध में फ्रेंच पोर्टल के ताजा खुलासे के बाद देश में फिर से राजनीतिक खींचतान शुरू हो गई है।
मामले को लेकर भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे पर हमलावर हुए बैठे हैं।
मामले में कांग्रेस ने भाजपा पर राफेल मामले पर ऑपरेशन कवर अप चलाकर उसे रफादफा करने का प्रयास करने के आरोप लगाया है, वहीं भाजपा ने कांग्रेस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।
खुलासा
फ्रेंच पोर्टल 'मीडियापार्ट' की रिपोर्ट में क्या किया गया है खुलासा?
फ्रेंच पोर्टल 'मीडियापार्ट' की सोमवार को सामने आई रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि फ्रांस की विमान निर्माता कंपनी डसॉल्ट एविएशन ने भारत को 36 राफेल विमान बेचने का सौदा हासिल करने के लिए बिचौलिये सुशेन गुप्ता को 2007 और 2012 के बीच मॉरीशस में करीब 7.5 मिलियन यूरो (करीब 65 करोड़ रुपये) की घूस दी थी।
इसके सबूत गोपनीय दस्तावेजों में केंद्रीय जांच ब्यूरों (CBI) के पास है, लेकिन सरकार ने इसमें कार्रवाई नहीं की।
दावा
CBI ने दस्तावेज मिलने के बाद भी नहीं की मामले की जांच
रिपोर्ट के अनुसार, सुशेन गुप्ता पर मॉरीशस में पंजीकृत एक शैल कंपनी के जरिए अगस्ता वेस्टलैंड से रिश्वत लेने का आरोप है।
मॉरीशस प्रशासन जांच के लिए इस कंपनी से संबंधित दस्तावेज CBI और प्रवर्तन निदेशालय (ED) को भेजने पर सहमत हो गया था।
इसके बाद संबंधित दस्तावेजों को 11 अक्टूबर, 2018 को CBI को भेज दिए गए थे। हालांकि, इसके बाद भी CBI ने मामले की जांच शुरू नहीं करने का निर्णय किया था।
आरोप
कांग्रेस ने भाजपा पर लगाया मामले को रफादफा करने का आरोप
फ्रेंस पोर्टल की रिपोर्ट सामने आने के बाद कांग्रेस ने भाजपा पर मामले को रफादफा करने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सोमवार को कहा कि मोदी सरकार राफेल मामले पर ऑपरेशन कवर अप चला रही है। 2018 में इसी मामले को दबाने के लिए CBI में तख्ता पलट किया गया। सवाल यह है कि आधी रात को ये तख्ता पलट क्यों किया गया? यह सरकार की मामले को दबाने की बड़ी साजिश को उजागर करता है।
जानकारी
भाजपा सरकार ने दस्तावेज मिलने के बाद किया तख्तापलट- खेड़ा
खेड़ा ने आरोप लगाया कि मॉरीशस सरकार ने कमीशन के भुगतान के दस्तावेज CBI को दिए थे, लेकिन 23 अक्टूबर को प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली समिति ने CBI निदेशक आलोक वर्मा को हटा दिया। यह राफेल घोटाले को दफनाने की साजिश थी।
सवाल
कांग्रेस ने भाजपा से पूछे चार सवाल
खेड़ा ने कहा कि राफेल घोटाला 60 करोड़ कमीशन भुगतान का नहीं है, बल्कि यह सबसे बड़ा रक्षा घोटाला है।
उन्होंने पूछा कि उन्होंने भारतीय वायुसेना से परामर्श किए बिना राफेल विमानों की संख्या को 126 से घटाकर 36 कैसे व क्यो की, भारत को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और HAL द्वारा राफेल के निर्माण से इनकार क्यों किया, भ्रष्टाचार विरोधी खंड को क्यों निरस्त किया और घोटाले की जांच नहीं करने का निर्णय क्यों और किस आधार पर किया?
बयान
प्रियंका गांधी ने लगाया काली कंपनियों को सफेद बनाने का आरोप
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, 'कालेधन की सफाई का जुमला देकर भाजपा ने पूरे देश को लाइन में लगा दिया था, लेकिन भाजपा राज में काली कंपनियों को सफेद बनाने और काले कारनामों को छुपाने जैसे कामों की लाइन लगी हुई है।'
जवाब
भाजपा ने कांग्रेस पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, भाजपा ने भी कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, 'मेरे विचार से इंडियन नेशनल कांग्रेस (INC) का नाम बदलकर अब आई नीड कमीशन कर देना चाहिए।'
उन्होंने कहा, 'हमने देखा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस ने किस तरह 2019 चुनाव से पहले अफवाहें फैलाईं। यह अतिशयोक्तिपूर्ण बात नहीं है कि UPA कार्यकाल की हर डील में एक 'डील' थी और वो इसके बाद भी डील नहीं कर सके।'
जवाब
राहुल गांधी को इटली से जवाब देना चाहिए- पात्रा
पात्रा ने कहा, 'राहुल गांधी को इटली से जवाब देना चाहिए कि आपकी पार्टी ने राफेल को बारे में झूठ फैलाने की कोशिश क्यों की। अब यह खुलासा हो गया है कि वर्ष 2007 से 2012 तक उनकी अपनी सरकार सत्ता में थी जब कमीशन दिया गया था।
उन्होंने कहा, 'भारतीय वायुसेना को लड़ाकू विमानों की जरूरत होने के बाद भी 10 वर्षों तक सौदा नहीं किया गया। क्योंकि बात विमान की नहीं बल्कि कमीशन के लिए हो रही थी।'
पृष्ठभूमि
क्या है राफेल सौदा?
मोदी सरकार ने सितंबर, 2016 में फ्रांस सरकार के साथ 59,000 करोड़ रुपये में 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने का सौदा किया था।
तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधे तौर पर इस भ्रष्टाचार में शामिल होने और अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को सौदे से हटाने का आरोप लगाया था। कांग्रेस सरकार पर महंगे दामों में विमान खरीदने का भी आरोप लगा रही है।