निजामुद्दीन धार्मिक समारोह में कोरोना वायरस: 24 लोग संक्रमित, विदेशियों ने किया वीजा नियमों का उल्लंघन
कोरोना वायरस का केंद्र बने दिल्ली के निजामुद्दीन की मरकज मस्जिद के एक धार्मिक समारोह में हिस्सा लेने वाले 281 विदेशियों के वीजा नियमों का उल्लंघन करने की बात सामने आई है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने 'हिंदुस्तान टाइम्स' को बताया कि शुरूआती जांच में सामने आया है कि ये विदेशी नागरिक मिशनरी वीजा की बजाय टूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे जिसमें किसी भी धार्मिक प्रचार में शामिल होने की अनुमति नहीं होती है।
क्या है पूरा मामला?
13 से 15 मार्च के बीच निजामुद्दीन के मरकज में स्थित तबलीगी जमात की मस्जिद में एक धार्मिक समारोह हुआ था जिसमें विभिन्न राज्यों और देशों के लगभग 2,000 लोगों ने हिस्सा लिया था। कार्यक्रम के बाद कुछ लोग अपने-अपने राज्य वापस लौट गए। इनमें संक्रमण पाए जाने के बाद मस्जिद के कोरोना वायरस का केंद्र होने की बात सामने आई। अब तक समारोह से संबंधित 24 लोगों को संक्रमित पाया गया है जबकि सात की मौत हो चुकी है।
नियमों को उल्लंघन कर मस्जिद में रुके 2,000 लोग
इस समारोह के बाद से ही मस्जिद परिसर में लगभग 2,000 लोग रह रहे थे जिनमें 280 से अधिक विदेशी भी शामिल हैं। लोगों के इकट्ठा होने पर दिल्ली सरकार की पाबंदी के बावजूद नियमों का उल्लंघन करते हुए ये यहीं रहे। इस बीच लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई और इसके तीसरे तीसरे दिन 27 मार्च को मस्जिद की तरफ से मेल करके दिल्ली सरकार को लोगों के फंसे होने के बारे में सूचित किया गया।
समारोह से संबंधित 24 लोग पाए गए संक्रमित, सात की मौत
विभिन्न राज्यों में तबलीगी जमात के इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों में कोरोना वायरस का संक्रमण पाए जाने के बाद सोमवार रात को निजामुद्दीन के एक इलाके को सील कर दिया गया और लोगों के बाहर आने-जाने पर पाबंदी लगा दी गई। इसके अलावा कोरोना वायरस से संक्रमण के लक्षण दिखने के बाद 300 से अधिक लोगों को टेस्टिंग के लिए ले जाया गया है। बाकी लोगों को क्वारंटाइन किया गया है।
21 देशों के लोग हुए थे समारोह में शामिल
अब शुरूआती जांच में सामने आया है कि जिन 281 विदेशी नागरिकों ने इस धार्मिक समारोह में हिस्सा लिया और जो मस्जिद में रह रहे थे, उन्होंने वीजा नियमों का उल्लंघन किया है। 'हिंदुस्तान टाइम्स' की रिपोर्ट के अनुसार, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, म्यांमार, मलेशिया, श्रीलंका और किर्गिस्तान समेत 21 देशों के लोगों ने इस समारोह में हिस्सा लिया। अधिकारियों के अनुसार, आगे की जांच में ये आंकड़ा बढ़कर 500 तक भी पहुंच सकता है।
मिशनरी वीजा के नियम कड़े इसलिए टूरिस्ट वीजा पर आए ये विदेशी
अधिकारियों के अनुसार, चूंकि मिशनरी वीजा के नियम बेहद कड़े हैं, इसलिए इन विदेशियों ने भारत आने का अपना असली कारण छिपाया और टूरिस्ट वीजा पर भारत आए। यहां आकर उन्होंने टूरिस्ट वीजा के नियमों के विपरीत तबलीगी जमात के कार्यक्रम में हिस्सा लिया। अधिकारियों के अनुसार, वीजा नियमों के उल्लंघन और गलत गतिविधियों के लिए कारण तबलीगी जमात से संबंधित कई विदेशियों को पहले भी ब्लैकलिस्ट किया जा चुका है।
दिल्ली सरकार ने दिए आयोजकों पर FIR के आदेश
इस बीच दिल्ली सरकार ने इस धार्मिक समारोह के आयोजकों पर सख्ती दिखाई है और उनके खिलाफ FIR करने का आदेश दिया है। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, "आयोजकों ने गंभीर अपराध किया है। हमने उप राज्यपाल अनिल बैजल को आयोजकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। हमने पुलिस को भी FIR दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।" वहीं तबलीगी जमात ने अपनी सफाई में कहा है कि लॉकडाउन के कारण लोग बाहर नहीं निकल पाए।