कोरोना वायरस: ICMR ने किया दावा- भारत में अभी तक शुरू नहीं हुआ है कम्यूनिटी ट्रांसमिशन
क्या है खबर?
भारत में कोरोना वायरस के मामले प्रतिदिन रिकॉर्ड रफ्तार के साथ बढ़ते जा रहे हैं। इससे लोगों के जेहन में बैठा डर और अधिक बढ़ता जा रहा है।
इन सबके बीच भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने दावा किया है कि भारत में निश्चित रूप से कोरोना वायरस का कम्यूनिटी ट्रांसमिशन अभी तक शुरू नहीं हुआ है।
हालांकि, इस दौरान उन्होंने शहरी क्षेत्रों में अधिक प्रकोप बताया है और लोगों को सचते रहने के लिए आगाह किया है।
बयान
भारत में कोरोना वायरस का प्रसार बहुत कम- ICMR
ICMR के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने गुरुवार शाम को आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि अभी तक विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कम्यूनिटी ट्रांसमिशन का कोई पैमाना तय नहीं किया है।
भारत के 83 जिलों में 30 अप्रैल तक 0.73% आबादी ही कोरोना संक्रमित हुई थी और मृत्यु दर महज 0.08% थी।
शहरी क्षेत्रों और कंटेनमेंट जोनों में थोड़े ज्यादा केस हैं। ऐसे में देश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बहुत कम है।
जानकारी
क्या होता है कम्यूनिटी ट्रांसमिशन?
दरअसल, कम्यूनिटी ट्रांसमिशन किसी भी बीमारी के प्रसार की तीसरी स्टेज को कहा जाता है। इस स्टेज में बीमारी की चपेट में आने वाले व्यक्तियों से यह पता नहीं चल पाता है कि वह किसके जरिए संक्रमित हुआ है। भारत में अभी ऐसा नहीं है।
संभावना
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने जताई थी कम्यूनिटी ट्रांसमिशन की संभावना
गत सोमवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने राजधानी में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए कहा था कि राज्य के 50 प्रतिशत मामलों में उनके स्रोत का पता नहीं चल पा रहा है।
ऐसे में यहां कम्यूनिटी ट्रांसमिशन के संकते दिख रहे हैं, लेकिन वह खुद इसकी घोषणा नहीं कर सकते हैं।
उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार ही यह बता सकती है कि दिल्ली और मुंबई में कम्यूनिटी ट्रांसमिशन शुरू हुआ है या नहीं।
खतरा
देश के सभी लोगों पर है कोरोना वायरस का खतरा- डॉ पॉल
कोरोना पर गठित एंपावर्ड ग्रुप वन के चेयरमैन डॉ वीके पॉल ने सिरो सर्वे के नतीजों का हवाला देते हुए कहा, "हम 30 अप्रैल को इस स्टेज पर थे और अभी भी प्राथमिक स्तर पर हैं। इसका मतलब है कि देश में कोरोना वायरस मौजूद है।"
उन्होंने कहा, "हमने इसके प्रसार की रफ्तार पर रोक लगाई है, लेकिन यह भी ध्यान रखना होगा कि देश के सभी लोगों पर इसका खतरा है। ऐसे में हमें लापरवाह नहीं होना है।"
लॉकडाउन
लॉकडाउन में ढील से बढ़ा संक्रमण का खतरा
डॉ पॉल ने कहा कि सिरो सर्वे उस वक्त किया गया जब देश में लॉकडाउन का कड़ाई से पालन हो रहा था। अब लॉकडाउन में ढील से संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि सर्वे में लॉकडाउन के पांच सप्ताह बाद यानी 30 अप्रैल तक की स्थिति को दर्शाया है।
ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या हमें डरना चाहिए? इसका जवाब है- नहीं। डरने की जरूरत नहीं, लेकिन लापरवाही बड़ा खतरा लेकर आ सकती है।
जानकारी
इन क्षेत्रों में बताया संक्रमण का अधिक खतरा
डॉ पॉल ने कहा ग्रामीण क्षेत्रों के मुकाबले शहरी क्षेत्रों में संक्रमण का 1.09 और शहरी झुग्गी बस्तियों में 1.89 गुना ज्यादा खतरा है। कंटेनमेंट जोन में संक्रमण का स्तर बहुत अधिक है। उन्होंने बुजुर्ग, बीमार और बच्चों को सतर्क रहने के लिए कहा है।
रिकवरी
देश में लगातार बढ़ती जा रही है रिकवरी रेट
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि आज देश का रिकवरी रेट 49.21 प्रतिशत है। फिलहाल ठीक होने वाले मरीजों की संख्या कोरोना वायरस के एक्टिव मरीजों से ज्यादा है जो राहत की बात कही जा सकती है।
उन्होंने कहा कि इस परिस्थिति में सरकार की भी जिम्मेदारी काफी अहम है। उन्होंने कहा कि टेस्टिंग, ट्रेसिंग, ट्रैकिंग, क्वारंटाइन और कंटेनमेंट मेजर्स पर फोकस बढ़ाते रहना होगा। राज्य सरकारों को विशेष ध्यान देना होगा।
संक्रमण
भारत में तीन लाख के करीब पहुंची संक्रमितों की संख्या
भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 9,996 नए मामले सामने आए और 357 मरीजों ने इसकी वजह से दम तोड़ा। ये अब तक एक दिन में सामने आए सबसे अधिक मामले और मौते हैं।
इससे पहले कल 9,985 नए मामले सामने आए थे और 279 लोगों की मौत हुई थी।
इसी के साथ कुल मामलों की संख्या 2,86,579 हो गई है, वहीं 8,102 मरीजों की मौत हुई है। सक्रिय मामलों की संख्या 1,37,448 है।