हिमाचल प्रदेश: बादल फटने से बहा पूरा गांव, 6 की मौत और 47 लापता
हिमाचल प्रदेश में 31 जुलाई और 1 अगस्त की दरमियानी रात 3 जगहों पर बादल फटने से भारी तबाही हुई है। कुल्लू, शिमला और मंडी जिले में बादल फटने के बाद आई बाढ़ से अब तक 6 की मौत हो गई है और 47 लोग लापता बताए जा रहे हैं। शिमला जिले के रामपुर का समेज गांव बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां केवल एक घर को छोड़कर पूरा गांव बह गया है।
समेज गांव के 36 लोग घंटों से लापता
बादल फटने के बाद समेज गांव के 36 लोग लापता बताए जा रहे हैं, जिनका अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। आशंका जताई जा रही है कि ये सभी मलबे में दब गए हैं। इनमें 18 महिलाएं, 8 बच्चे और अन्य लोग शामिल हैं। लापता लोगों को ढूंढने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), पुलिस, होमगार्ड और सेना समेत दूसरी एजेंसियों के जवान लगे हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने किया समेज गांव का दौरा
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने समेज गांव का दौरा किया है। उन्होंने कहा, "जो परिवार आपदा में पूरी तरह से बेघर हो गए हैं, उन्हें आज से ही किराए पर मकान लेने के लिए एक महीने का किराया 5,000 रुपये सरकार की ओर से प्रदान किया जाएगा। इसके साथ-साथ खाने पीने का सामन और गैस सिलेंडर भी दिया जाएगा। प्रभावितों को 50,000-50,000 रुपये की आर्थिक सहायता राशि दी जाएगी, ताकि वह अपने कपड़े-जूते इत्यादि खरीद सके।"
मंडी और कुल्लू में भी भारी तबाही
मंडी में भी बादल फटने के बाद 5 लोग लापता हैं, जबकि 5 शव बरामद किए गए हैं। राजबन गांव में 4 घर बहने की खबर है। कुल्लू में भी बादल फटने के बाद 9 लोग अब भी लापता हैं और एक शव बरामद किया गया है। यहां 31 घर पूरी तरह तबाह हो गए हैं, जबकि 30 घरों को नुकसान पहुंचा है। 4 पुल, 7 पैदल पुल, 10 दुकानें, 3 स्कूल और 12 गाड़ियां सैलाब में बह गई हैं।
हिमाचल प्रदेश की 191 सड़कें बंद
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश की वजह से 191 सड़कें और 3 राष्ट्रीय राजमार्ग भी बंद पड़े हुए हैं। चंबा में 35, कांगड़ा में 5, किन्नौर में 2, कुल्लू में 38, लाहौल स्पीति में 2, मंडी में 79 और शिमला में 30 सड़कें बंद हैं। किन्नौर में राष्ट्रीय राजमार्ग- 5 बंद पड़ा हुआ है। कुल्लू में राष्ट्रीय राजमार्ग- 305 और मंडी में राष्ट्रीय राजमार्ग- 70 बंद है। 294 स्थानों पर बिजली और 120 स्थान पर जल आपूर्ति प्रभावित हुई है।