सुखविंदर सिंह सुक्खू बने हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री, राज्यपाल ने दिलाई शपथ
कांग्रेस नेता सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए हैं। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। सुक्खू के साथ मुकेश अग्निहोत्री ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जन खड़गे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अशोक गहलोत समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। इससे पहले शनिवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सुखविंदर सुक्खू और मुकेश अग्निहोत्री के नाम का ऐलान किया गया था।
कौन हैं सुखविंदर सिंह सुक्खू?
1964 में जन्मे सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक जमीनी नेता के तौर पर अपनी पहचान बनाई है। सुक्खू 2013 से 2019 तक हिमाचल प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उन्होंने हमीरपुर जिले की नादौन विधानसभा सीट से जीत दर्ज की है जहां उन्होंने भाजपा उम्मीदवार विजय कुमार को 3,363 वोटों से हराया। उन्होंने 2017 में भी इसी सीट से जीत दर्ज की थी। वह इससे पहले 2003 से 2012 के बीच भी विधायक रहे थे।
शिमला के रिज मैदान में हुआ शपथ ग्रहण समारोह
सुखविंदर सिंह सुक्खू के पक्ष में गईं ये बातें
कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश की 68 में से 40 सीटें अपने नाम की है। इन 40 में से आधे से अधिक विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू को मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं। विधायकों के इसी रुख को भांपते हुए आलाकमान ने सुक्खू के नाम को हरी झंडी दिखा दी। साथ ही सुक्खू उन नेताओं में गिने जाते हैं, जो टीम राहुल का हिस्सा रहे हैं। 2013 में उन्हें राहुल गांधी ने ही हिमाचल प्रदेश कांग्रेस समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया था।
पांचवी बार विधायक बने हैं मुकेश अग्निहोत्री
पांच बार के विधायक और हिमाचल प्रदेश के पूर्व नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में एक हैं। 58 वर्षीय अग्निहोत्री करीब 20 साल पहले पत्रकारिता छोड़कर राजनीति में आए थे और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2003 में हरोली सीट से पहली बार विधायक चुने गए। उन्होंने इसके बाद 2007, 2012, 2017 और 2022 में इसी सीट से जीत दर्ज की। अग्निहोत्री 2012 से 2017 तक पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।
स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही कांग्रेस
हिमाचल में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला है और उसने राज्य की 68 में से 40 सीटों पर जीत दर्ज की है। पिछले पांच साल से सत्ता पर काबिज भाजपा को 25 सीटों से संतोष करना पड़ा है। पहली बार चुनाव लड़ रही AAP अपना खाता भी नहीं खोल पाई है, वहीं तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं। कांग्रेस की जीत के साथ ही हिमाचल में हर पांच साल पर सरकार बदलने का चलन बरकरार रहा है।