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चेन्नई की 7 प्रतिशत भूमि साल 2040 तक हो जाएगी जलमग्न, CSTEP की रिपोर्ट में खुलासा
चेन्नई की भूमि के समुद्र में समाने का खतरा बढ़ा (तस्वीर: प्रतीकात्मक)

चेन्नई की 7 प्रतिशत भूमि साल 2040 तक हो जाएगी जलमग्न, CSTEP की रिपोर्ट में खुलासा

Aug 03, 2024
02:29 pm

क्या है खबर?

बंगाल की खाड़ी के तट पर बसी तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई की भूमि के समुद्र में समाने का खतरा मंडरा रहा है। सेंटर फॉर स्टडी ऑफ साइंस, टेक्नोलॉजी एंड पॉलिसी (CSTEP) की गुरुवार को जारी की गई 'चुनिंदा भारतीय तटीय शहरों के लिए समुद्र स्तर वृद्धि परिदृश्य और जलप्लावन मानचित्र' रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2040 तक समुद्र के जल स्तर में बढ़ोतरी के चलते चेन्नई की लगभग 7 प्रतिशत भूमि जलमग्न हो जाएगी।

खतरा

चेन्नई के इन इलाकों का समुद्र में समाने का खतरा

रिपोर्ट के अनुसार, साल 2040 तक चेन्नई के अड्यार इको-पार्क, आइलैंड ग्राउंड, राज्य प्रतीक स्मारक, पल्लीकरनई आर्द्रभूमि और बंदरगाह के समुद्र में समाने का खतरा है। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि 2040 तक चेन्नई महानगर क्षेत्र (CMA) का 7.29 प्रतिशत (86.6 वर्ग किमी) क्षेत्र जलमग्न हो जाएगा। इसी तरह 2060 में इसके 9.65 प्रतिशत (114.31 वर्ग किमी), 2080 तक 15.11 प्रतिशत (159.28 वर्ग किमी) और साल 2100 तक 16.9 प्रतिशत (207.04 वर्ग किमी) होने की संभावना है।

इजाफा

समुद्र के जल स्तर में कितना हुआ इजाफा?

रिपोर्ट के अनुसार, चेन्नई में 1987 से 2021 तक समुद्र के स्तर में 0.679 सेमी की वृद्धि देखी गई है, जिसमें वार्षिक वृद्धि 0.066 सेमी है। पिछले 30 वर्षों में अधिकतम समुद्र स्तर वृद्धि (4.44 सेमी या 0.31 सेमी प्रति वर्ष) मुंबई में देखी गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, निचले तटीय शहर अब समुद्र के बढ़ते स्तर के प्रति अधिक संवेदनशील हैं। विश्लेषण के लिए भारत के पूर्वी और पश्चिमी तट से 15 शहरों और कस्बों का चयन किया गया।