हिमाचल प्रदेश संकट: नवजोत सिंह सिद्धू ने उठाई 'कांग्रेस के शुद्धिकरण' की मांग
क्या है खबर?
हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद उसकी सरकार पर संकट मंडरा रहा है।
बुधवार को विपक्षी भाजपा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से विधानसभा में बहुमत साबित करने की मांग की है।
इस बीच पंजाब कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने हिमाचल राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस के 6 विधायकों पर जोरदार हमला बोला और देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को शुद्धिकरण करने की सलाह दी।
सलाह
सिद्धू ने कहा- अच्छा हुआ कांग्रेस को ऐसे लोगों से मिला छुटकारा
कांग्रेस नेता सिद्धू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर हिमाचल में हुए घटनाक्रम को लेकर अपनी खीज निकाली।
उन्होंने कहा कि हिमाचल विफलता 'ग्रैंड ओल्ड पार्टी' के आंकलन की मांग करती है और कई 'बदमाश' हैं, जो केंद्रीय जांच एजेंसियों के इशारे पर पार्टी को कमजोर करने की कोशिश में लगे हैं।
उन्होंने कहा कि अच्छा हुआ कांग्रेस को ऐसे लोगों से छुटकारा मिल गया, जो व्यक्तिगत लाभ को प्राथमिकता देते हैं।
निराशा
व्यक्तिगत लाभ को प्राथमिकता देने वाले देते हैं घाव- सिद्धू
सिद्धू ने कहा कि जांच एजेंसियों की धुनों पर नाचने वालों ने कई बार कांग्रेस के विनाशकारी दिन लिखे हैं, लेकिन ये नुकसान सिर्फ डॉ अभिषेक मनु सिंघवी का नहीं, बल्कि काफी बड़ा है।
उन्होंने कहा कि विश्वासघाती लोगों से पार्टी को शुद्ध करना आवश्यक है, जो सामूहिक लाभ के बजाय व्यक्तिगत लाभ को प्राथमिकता देते हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यों से पार्टी के अस्तित्व पर गहरा घाव होता है और समर्पित कार्यकर्ता निराशा से भर जाते हैं।
जानकारी
सिद्धू बोले- कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए वफादारी ही एमात्र चीज
सिद्धू ने आगे कहा है कि घाव ठीक हो सकते हैं, लेकिन मानसिक घाव लंबे समय तक बने रहेंगे और बागियों को फायदा मिलना कांग्रेस कार्यकर्ताओं का सबसे बड़ा दर्द है क्योंकि उनके पार्टी के लिए वफादारी ही सब कुछ नहीं, बल्कि एकमात्र चीज है।
तनाव
सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस में तनाव की बीच की टिप्पणी
क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू ने ये टिप्पणी उनके और पंजाब कांग्रेस में चल रहे तनाव के बीच की है।
हाल में सिद्धू ने कांग्रेस प्रदेश इकाई की मंजूरी के बिना पंजाब में कई रैलियां की थी। इसके बाद पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने सिद्धू को चेतावनी दी है।
दरअसल, पंजाब में सिद्धू का कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्रियों से 36 का आंकड़ा रहा है। उनके भी भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
हिमाचल
हिमाचल में क्या हैं राजनीतिक हालात?
हिमाचल में बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने सुक्खू सरकार के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राज्य सरकार पर उन्हें अपमानित करने का आरोप लगाया।
इस बीच कांग्रेस के केंद्रीय पर्यवेक्षक भी हिमाचल पहुंच चुके हैं और स्थिति का आकलन कर रहे हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं।
यहां बागी नेताओं ने फैसला कांग्रेस आलाकमान पर छोड़ा हुआ है।
सरकार
क्यों हिमाचल की कांग्रेस सरकार पर मंडरा रहा खतरा?
हिमाचल प्रदेश में कुल 68 सीटें हैं, जिनमें 40 कांग्रेस, 25 भाजपा और 3 निर्दलियों के पास है। राज्यसभा चुनाव से पहले सुक्खू को निर्दलीय समेत 43 विधायकों का समर्थन था।
अब राज्यसभा चुनाव के बाद विक्रमादित्य समेत कांग्रेस के 7 और 3 अन्य विधायक बगावत पर उतर आए हैं। ऐसे में अब सुक्खू के पास 33 विधायकों का ही समर्थन शेष बचा है।
यहां बहुमत का आंकड़ा 35 हैं और सुक्खू को 2 विधायकों का समर्थन चाहिए होगा।