सोनभद्र हिंसा: योगी ने ठहराया कांग्रेस को जिम्मेदार, कहा- अब बहा रही घड़ियाली आंसू
रविवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 10 लोगों की जान लेने वाली सोनभद्र हिंसा के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। योगी आज मृतकों के परिजनों से मिलने पहुंचे थे और इस दौरान उन्हें दोषियों को सख्त सजा का आश्वासन दिया। इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी मृतकों से मिल चुकी हैं। उन्हें परिजनों का आश्वासन दिया था कि अभी तो वह जा रही हैं, लेकिन उनसे मिलने वह दोबारा जरूर आएंगी।
योगी का आरोप, ग्राम समाज की जमीन को कांग्रेस नेता के ट्रस्ट को दिया गया
सोनभद्र के उम्भा गांव में मृतकों के परिजनों से मिलने पहुंचे योगी ने कहा, "ये कांग्रेस का पाप है और वो खुद घड़ियाली आंसू बहा रही है। कांग्रेस के जमाने में आदिवासियों की जमीन ट्र्स्ट को दे दी गई थी।" उन्होंने बताया कि 1955 में ग्राम समाज की जमीन को कांग्रेस के राज्यसभा सांसद के ट्रस्ट के नाम कर दिया गया और 1989 में कांग्रेस की ही सरकार ने ट्रस्ट की जमीन को उनके परिवार के नाम कर दिया।
योगी ने घटना को बताया बड़ी राजनीतिक साजिश
योगी ने मामले में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को भी खींच लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपी प्रधान यज्ञदत्त का संबंध सपा से है, जबकि उनके भाई बसपा से जुड़े हुए हैं। योगी ने कहा कि ये घटना एक बड़ी राजनीतिक साजिश और गुंडागर्दी का उदाहरण है। मृतकों के परिजनों को आश्वासन देते हुए उन्होंने कहा, "किसी को भी नहीं छोड़ा जाएगा। हर आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।"
योगी ने बढ़ाई मुआवजे की राशि
योगी ने मृतकों के परिजनों को 18.50 लाख रुपये और घायलों को 2.5 लाख रुपये का मुआवजे देने का ऐलान भी किया। इससे पहले सरकार ने मृतकों के परिजनों और घायलों को क्रमश: 5 लाख और 50,000 रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया था।
क्या है पूरा जमीनी विवाद?
17 जुलाई को सोनभद्र के उम्भा गांव में लगभग चार करोड़ रुपये की कीमत की 112 बीघा जमीन के लिए गांव के प्रधान यज्ञदत्त और गोंड आदिवासियों के बीच विवाद हो गया था। दरअसल, इस जमीन को दशकों पहले आदर्श वेलफेयर सोसायटी के नाम कर दिया गया था और आदिवासी इस जमीन पर खेती करते आ रहे थे। लेकिन उनके विरोध के बावजूद जब जमीन को प्रधान यज्ञदत्त के नाम कर दिया गया तब विवाद की शुरूआत हुई।
बंदूक और अन्य हथियार लेकर आए थे यज्ञदत्त के समर्थक
आदिवासी अपनी शिकायत लेकर कमिश्नर कोर्ट तक पहुंच गए, जिसकी जानकारी मिलने के बाद यज्ञदत्त अपने परिवार और समर्थकों के साथ जमीन जोतने लगा। वह 32 ट्रैक्टरों में 60-70 लोगों के साथ पहुंचा था। ये लोग लाठी-डंडा, भाला, राइफल और बंदूक लेकर आए थे। जब आदिवासियों ने इसका विरोध किया तो उन्होंने गोलियां चला दीं, जिसमें 10 लोग मारे गए। मामले में यज्ञदत्त समेत 29 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
पीड़ितों से मिलने पहुंचीं प्रियंका को लिया गया था हिरासत में
घटना सामने आने के बाद प्रियंका सोनभद्र में पीड़ितों के परिजनों से मिलने पहुंची थीं। लेकिन सोनभद्र पहुंचने से पहले ही प्रशासन ने उन्हें रोक लिया, जिसके बाद वह वहीं धरने पर बैठ गईं। इसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्रियंका को हिरासत ले लिया और उन्हें चुनाव गेस्ट हाउस में रखा गया। काफी विवाद के बाद कुछ मृतकों के परिजनों को गेस्ट हाउस में ही प्रियंका से मिलाया गया था। प्रियंका ने उनसे वापस आने का वादा किया था।