बुलंदशहर में सड़क किनारे सो रहे श्रद्धालुओं पर चढ़ी बस, सात की मौत
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में एक तेज़ रफ़्तार बस ने नरौरा गंगा घाट किनारे सड़क पर सो रहे सात श्रद्धालुओं को कुचल दिया। इस दर्दनाक हादसे में सड़क पर सो रहे सभी सात लोगों की मौत हो गई। मृतकों में तीन महिलाएँ और चार बच्चे शामिल हैं। बता दें कि मरने वाले श्रद्धालु वैष्णो देवी की यात्रा कर अपने घर हाथरस जा रहे थे। पुलिस ने सभी शवों को अपने कब्ज़े में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
एक ही परिवार के हैं सभी मृतक
बताया जा रहा है कि यह दर्दनाक हादसा एक निजी बस के अनियंत्रित होने की वजह से हुआ। जानकारी के अनुसार, मरने वाले सभी लोग हाथरस जिले से तीर्थ यात्रा पर निकले हुए थे। गुरुवार शाम को गंगा स्नान करने के बाद सभी श्रद्धालु सड़क किनारे सो रहे थे। आपको जानकर हैरानी होगी की सभी मृतक एक ही परिवार के बताए जा रहे हैं। पुलिस ने मृतकों के परिजनों को इस हादसे की सूचना दे दी है।
मरने वाली सभी सात महिलाएँ
मरने वालों में फूलवती और उनकी बेटी शीला और शीला की बेटी योगिता शामिल हैं। इसके अलावा माला देवी और उनकी बेटी कल्पना और रेनू एवं रेनू की बेटी संजना शामिल हैं।
बस में सवार होकर 56 यात्री गए थे वैष्णो देवी
हादसे के बाद से आरोपी बस ड्राइवर फ़रार है और पुलिस मामला दर्ज करके उसकी तलाश में जुटी हुई है। जानकारी के अनुसार, हाथरस जिले के थाना चंदपा के मोहनपुरा गाँव से 03 अक्टूबर को एक बस में सवार होकर 56 यात्री वैष्णो देवी गए थे। गुरुवार रात लगभग 03:00 बजे हरिद्वार से बस नरेरा गांधी घाट पहुँची। वहीं पर श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया। इसके बाद बस चालक ने सुबह चलने की बात कहकर बस वहीं खड़ी कर दी।
सुबह 04:00 बजे हुआ दर्दनाक हादसा
बस खड़ी होने के बाद कुछ यात्री बस से उतरकर सड़क किनारे सो गए और सुबह 04:00 बजे गहरी नींद में सो रहे एक ही परिवार के सभी सात लोगों को एक अन्य बस ने कुचल दिया। इसके बाद चालक बस को घटनास्थल पर छोड़कर फ़रार हो गया। इस हादसे में सभी सात लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। इस घटना के बारे में SSP संतोष कुमार ने बताया कि यह दर्दनाक घटना लगभग सुबह 04:00 की है।
अँधेरा होने की वजह से हुआ यह हादसा
उन्होंने आगे बताया कि श्रद्धालुओं से भरी बस नरौरा घाट पहुँची थी। बस में सवार सभी श्रद्धालु हाथरस जिले के रहने वाले थे। बस खड़ी होने के बाद उसमें से सात लोग, तीन महिलाएँ और चार बच्चे उतरकर बस के आगे सो गए। इसी बीच दूसरी बस वहाँ पहुँच गई और अँधेरा होने की वजह से सड़क पर सो रहे लोगों को देख नहीं सकी और उन्हें कुचल दिया। इस हादसे में सभी सात लोगों की वहीं मौत हो गई।