दिल्ली पहुंचे चीन के विदेश मंत्री, जयशंकर और डोभाल से करेंगे मुलाकात
पिछले दो सालों से सीमा पर जारी तनाव के बीच चीन के विदेश मंत्री वांग यी गुरुवार शाम को दिल्ली पहुंचे। बताया जा रहा है कि वो आज भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल से मुलाकात करेंगे। वांग की यात्रा को लेकर किसी भी तरफ से कोई आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ था। उनका यह दौरा ऐसे समय हो रहा है, जब भारत ने हाल ही में दिए उनके बयानों को खारिज किया है।
काबुल से दिल्ली पहुंचे थे वांग
वांग गुरुवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से दिल्ली पहुंचे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वांग का यह दौरा द्विपक्षीय संबंधों से ज्यादा यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद मची सामरिक उथल-पुथल पर केंद्रित है। आज दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच होने वाली बातचीत के एजेंडे की जानकारी नहीं मिल पाई है, लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों देशों के बीच यूक्रेन को लेकर चर्चा जरूर होगी।
बैठक में सीमा विवाद पर बातचीत संभव
वांग के साथ बैठक के दौरान एस जयशंकर लद्दाख में सीमा पर जारी तनाव का मुद्दा भी उठाएंगे। भारत विवादित क्षेत्रों से पूरी सेना को पीछे हटाने की मांग करेगा। यूक्रेन का मुद्दा भी बातचीत में उठने की उम्मीद है। बता दें कि भारत ने अभी तक युद्ध को लेकर रूस की आलोचना नहीं की है। संयुक्त राष्ट्र में भी रूस के खिलाफ आए प्रस्तावों पर मतदान से भारत और चीन दोनों ने ही दूरी बनाई थी।
वांग के कश्मीर पर दिए बयान को भारत ने किया था खारिज
चीनी विदेश मंत्री मंगलवार को इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की बैठक में विशेष अतिथि के तौर पर हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान पहुंचे थे। यहां उन्होंने कश्मीर को लेकर एक बयान दिया था, जिसे भारत ने सिरे से खारिज कर दिया था। पाकिस्तान का दौरा समाप्त करने के बाद वांग काबुल पहुंचे, जहां उन्होंने तालिबानी नेताओं से मुलाकात की थी। भारत दौरा पूरा होने के बाद वो नेपाल की राजधानी काठमांडू जाएंगे।
द्विपक्षीय संबंध सुधारने के लिए चीन ने दिए कई प्रस्ताव
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी सैन्य तनाव के बीच चीन ने दो सालों में पहली बार भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने की पहल की है। बीजिंग ने नई दिल्ली को बातचीत शुरू करने के लिए कई तरह के प्रस्ताव भेजे हैं, जिनमें दोनों देशों के शीर्ष नेताओं की यात्राएं भी शामिल हैं। चीन इस साल BRICS सम्मेलन की मेजबानी करेगा और वह चाहता है भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसमें हिस्सा लें।
मोदी की मेजबानी करना चाहता है चीन
इन प्रस्तावों और कोशिशों के बीच चीन का खास मकसद BRICS सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेजबानी करना है। इस साल चीन में होने वाले इस सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी हिस्सा लेंगे। बता दें कि BRICS ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का एक संगठन है, जिसका मकसद इन देशों में आर्थिक और अन्य तरह का सहयोग बढ़ाना है। इसका गठन 2006 में किया गया था और इसका मुख्यालय शंघाई में है।