चीन ने जताई उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के अरुणाचल दौरे पर आपत्ति, भारत ने दिया करारा जवाब
चीन ने भारतीय उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के अरुणाचल प्रदेश दौरे पर आपत्ति जताई है और कहा है कि वह किसी भी भारतीय नेता के राज्य का दौरा करने के खिलाफ है क्योंकि वह इसे भारत का अंग नहीं मानता है। भारत ने भी मामले में उसे करारा जवाब देते हुए कहा है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और भारतीय नेता समय-समय पर देश के अन्य हिस्सों की तरह यहां का दौरा करते रहते हैं।
9 अक्टूबर को अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर गए थे उपराष्ट्रपति नायडू
दरअसल, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू 9 अक्टूबर को अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर गए थे। इस यात्रा के दौरान उन्होंने राज्य विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित भी किया। विधानसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने अरुणाचल प्रदेश की विरासत पर विस्तार से चर्चा की थी। उन्होंने कहा था कि हालिया वर्षों में यहां परिवर्तन की दिशा और विकास की गति तेज हुई है और इससे नया परिवर्तन देखने को मिल रहा है।
नायडू के दौरे से चीन बौखलाया, कहा- भारत ने अवैध तरीके से स्थापित किया अरुणाचल प्रदेश
चीन को नायडू का ये दौरा पसंद नहीं आया है और उसे मिर्ची लग गई है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजयान ने दौरे पर आपत्ति जताते हुए कहा, "सीमा पर चीन की स्थिति सुसंगत और स्पष्ट है। चीनी सरकार ने कभी भी भारत द्वारा एकतरफा और अवैध रूप से स्थापित किए गए तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी है और वह भारतीय नेताओं के इस क्षेत्र का दौरा करने के सख्त खिलाफ है।"
चीन बोला- चीन की चिंताओं का सम्मान करे भारत
चीनी प्रवक्ता ने आगे कहा, "हम भारतीय पक्ष से चीन की प्रमुख चिंताओं का ईमानदारी से सम्मान करने, सीमा मुद्दे को जटिल और बढ़ाने वाली कोई भी कार्रवाई न करने और आपसी विश्वास और द्विपक्षीय संबंधों को कमजोर करने से बचने का आग्रह करते हैं। इसके बजाय उसे चीन-भारत सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए वास्तविक ठोस कार्रवाई करनी चाहिए और द्विपक्षीय संबंधों को पटरी पर लाने और मजबूत करने में मदद करनी चाहिए।"
भारत ने कहा- अरुणाचल प्रदेश हमारा अभिन्न अंग
भारत ने भी चीन के इस विरोध का करारा जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, 'भारत के एक राज्य में देश के एक नेता के जाने पर चीन की आपत्ति बेवजह और भारतीय नागरिकों की समझ से परे है... हम ऐसे बयानों को खारिज करते हैं। अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है। भारतीय नेता समय-समय पर यहां की यात्रा करते हैं, जैसा कि वे भारत के किसी अन्य राज्य की करते हैं।'
अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा मानता है चीन
बता दें कि अरुणाचल को लेकर भारत और चीन का विवाद काफी पुराना है। चीन अरुणाचल को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा मानता है और इसके 90,000 वर्ग किलोमीटर इलाके पर अपना दावा करता है। इलाके में कई बार दोनों देशों के सैनिक टकरा चुके हैं।
इस महीने भी अरुणाचल में आमने-सामने आ गए थे दोनों देशों के सैनिक
इस महीने की शुरूआत में भी अरुणाचल प्रदेश में दोनों देशों के सैनिक टकरा गए थे और तवांग इलाके में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर उनका आमना-सामना हो गया था। दरअसल, रूटीन पेट्रोलिंग के दौरान भारतीय सेना ने करीब 200 चीनी सैनिकों को LAC के पास पाया था। इसके बाद कई घंटों तक दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने रहे और मामला सुलझने पर ही पीछे हटे। इस झड़प में भारतीय पक्ष को किसी भी तरह का नुकसान नहीं हुआ था।