
भारतीय वायुसेना के लापता विमान AN-32 का मलबा मिला, 13 लोग थे सवार
क्या है खबर?
एक सप्ताह से अधिक समय से लापता भारतीय वायुसेना के AN-32 एयरक्राफ्ट के कुछ टुकड़े मिले हैं।
पिछले आठ दिनों से तलाशी अभियान चला रहे दलों को अरुणाचल के लीपो के उत्तर में ये टुकड़े मिले हैं। यह जगह AN-32 के रास्ते से 16 किलोमीटर उत्तर की तरफ बताई जा रही है।
यह मलबा एक पहाड़ी की चोटी के पास मिले हैं। भारतीय वायुसेना की MI-17 चॉपर टीम ने इन टुकड़ों का पता लगाया है।
जानकारी
एक सप्ताह से जारी था तलाशी अभियान
भारतीय वायुसेना ने विमान की खोज के लिए C-130J एयरक्राफ्ट, सुखोई-30 लड़ाकू विमान, भारतीय नौसेना के P8I एयरक्राफ्ट, एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर (ALH), MI-17 और चिता हेलिकॉप्टर लगाए थे। विमान की खोज के लिए CARTOSAT और RISAT सैटेलाइट का भी सहारा लिया जा रहा था।
मामला
विमान में 13 लोग थे सवार
IAF के एयरक्राफ्ट AN-32 ने 3 जून को 12:25 बजे असम के जोरहाट एयरबेस से मेंचुका एयरफील्ड के लिए उड़ान भरी थी। इसमें पांच यात्री और आठ क्रू-मेंबर सवार थे।
उड़ान के 35 मिनट बाद इससे संपर्क टूट गया था। मेचुका एडवांस लैंडिंग ग्राउंड अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी सियांग जिले में स्थित है। यह चीन की सीमा के नजदीक है।
AN-32 भारतीय वायुसेना का एक ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट है और इसे 1984 से इस्तेमाल किया जा रहा है।
ट्विटर पोस्ट
तलाशी अभियान में लगे हेलिकॉप्टर को मिला मलबा
The wreckage of the missing #An32 was spotted today 16 Kms North of Lipo, North East of Tato at an approximate elevation of 12000 ft by the #IAF Mi-17 Helicopter undertaking search in the expanded search zone..
— Indian Air Force (@IAF_MCC) June 11, 2019
ईनाम
वायुसेना ने की थी ईनाम की घोषणा
विमानों और सैटेलाइट के अलावा वायुसेना ने इलाके में ड्रोन्स भी तैनात किए थे।
साथ ही सेना, असम राइफल्स और अरुणाचल प्रदेश पुलिस स्थानीय लोगों की मदद से जमीन पर तलाशी अभियान चला रही थी।
वायसुेना ने लापता विमान की जानकारी देने वालों के लिए पांच लाख रुपये के ईनाम की घोषणा की थी।
कुल मिलाकर चार MI-17, तीन AHL, दो सुखोई-30, एक C-130 J, दो चीता हेलिकॉप्टर, एक ड्रोन और एक P8I विमान इस अभियान में लगे हुए थे।
जानकारी
तलाश के लिए चलाया गया था सबसे बड़ा अभियान
लगभग तीन महीने तक चले तलाशी अभियान के बाद भी इस एयरक्राफ्ट का कोई सुराग नहीं मिला पाया, जिसके बाद इस अभियान को सितंबर, 2016 में बंद कर दिया गया। विमान में सवार सभी 29 लोगों को मृत मान लिया गया था।
पिछला हादसा
2016 में भी हादसे का शिकार हुआ था AN-32
जुलाई, 2016 में भी एक AN-32 एयरक्राफ्ट बंगाल की खाड़ी के ऊपर से उड़ान भरते समय लापता हो गया था। इसमें 29 लोग सवार थे।
एयरक्राफ्ट ने अंडमान-निकोबार जाने के लिए चेन्नई से उड़ान भरी थी।
उड़ान भरने के एक घंटे बाद इससे संपर्क टूट गया था। इसके लापता होने के बाद इसकी तलाश के लिए भारतीय वायुसेना ने समुद्र में एयरक्राफ्ट तलाशने का सबसे बड़ा अभियान चलाया था, लेकिन इसमें कामयाबी नहीं मिली थी।
पुराने हादसे
आठ बार हादसों का शिकार हो चुका है AN-32
1984 में भारतीय वायुसेना में शामिल होने से अब तक आठ AN-32 एयरक्राफ्ट हादसों का शिकार हो चुके हैं।
जून 2009 में भी मेचुका में यह एयक्राफ्ट क्रैश हुआ था। तब इसमें सवार 13 लोगों की मौत हो गई थी।
इससे पहले मार्च 1999 में नई दिल्ली आ रहा AN-32 एयरक्राफ्ट क्रैश हो गया था, जिसमें 22 लोगों की जान गई थी।
देशभर में विमान में सवार लोगों की सलामती के लिए दुआएं मांगी जा रही थी।