
भारतीय वायुसेना के AN-32 विमान हादसे में 13 लोगों की मौत, वायुसेना ने की पुष्टि
क्या है खबर?
भारतीय वायुसेना के लापता हुए विमान से जुड़ी एक दुखद खबर आई है।
वायुसेना ने बताया कि विमान में सवार 13 लोगों में से कोई भी जिंदा नहीं बचा है। इस विमान में वायुसेना के आठ अधिकारी और पांच कर्मचारी सवार थे।
3 जून को लापता हुए इस विमान का मलबा 11 जून को अरुणाचल के लीपो के उत्तर में पाया गया था।
उसके बाद से विमान में सवार लोगों की तलाश के लिए विशेष टीमों को भेजा गया था।
जानकारी
घटनास्थल पर आज सुबह पहुंचा बचाव दल
वायुसेना ने बताया कि बचाव टीम के आठ सदस्य गुरुवार सुबह घटनास्थल पर पहुंचे, लेकिन दुख के साथ बताना पड़ रहा है कि इस दुर्घटना में विमान में सवार कोई भी व्यक्ति जिंदा नहीं बच पाया।
विमान में सवार
ये हैं विमान में सवार लोगों के नाम
इस विमान में विंग कमांडर जीएम चार्ल्स, स्क्वॉड्रन लीडर एच विनोद, फ्लाइट लेफ्टिनेंट आर थापा, फ्लाइट लेफ्टिनेंट ए तंवर, फ्लाइट लेफ्टिनेंट एस मोहंती, फ्लाइट लेफ्टिनेंट एमके गर्ग, वारंट ऑफिसर केके मिश्रा, सार्जेंट अनूप कुमार, कार्पोरल शेरिन, LAC एसके कुमार, LAC पंकज, NC(E) पुतली और NC(E) राजेश कुमार सवार थे।
वायुसेना ने इन सभी जवानों की बहादुरी को सलाम करते हुए कहा कि इस मुश्किल वक्त में वह इनके परिवारों के साथ खड़ी है।
ट्विटर पोस्ट
वायुसेना ने ट्वीट कर दी जानकारी
Following air-warriors lost their life in the tragic #An32 crash - W/C GM Charles, S/L H Vinod, F/L R Thapa, F/L A Tanwar, F/L S Mohanty, F/L MK Garg, WO KK Mishra, Sgt Anoop Kumar, Cpl Sherin, LAC SK Singh, LAC Pankaj, NC(E) Putali NC(E) Rajesh Kumar.
— Indian Air Force (@IAF_MCC) June 13, 2019
हादसा
जोरहाट से मेचुका जा रहा था विमान
मंगलवार को लापता विमान की खोज में लगे वायुसेना के MI-17 हेलिकॉप्टर ने मलबे को खोजा था।
AN-32 लीपो से 16 किलोमीटर उत्तर की तरफ 12,000 फीट की ऊंचाई पर एक पहाड़ी पर क्रैश हुआ था।
हादसे का शिकार हुए AN-32 ने 3 जून को असम के जोरहाट से अरुणाचल प्रदेश स्थित मेचुका के लिए दोपहर 12.30 बजे उड़ान भरी थी।
लगभग 30 मिनट बाद इस विमान से संपर्क टूट गया। इसके बाद से इसका तलाशी अभियान जारी था।
जांच
ब्लैक बॉक्स और मलबे पर निर्भर है जांच
सूत्रों के मुताबिक, हादसे की जगह और ऊंचाई को देखते हुए यह माना जा रहा है कि विमान पहाड़ों में क्रैश हुआ है, लेकिन इस बारे में सही जानकारी जांच के बाद ही सामने आ पाएगी।
हादसे की जांच विमान के ब्लैक बॉक्स और और मलबे पर काफी हद तक निर्भर करेगी।
वायुसेना में शामिल होने के बाद से यह AN-32 के साथ हुआ नौंवा हादसा है। इससे पहले यह विमान आठ बार हादसों का शिकार हो चुका है।
जानकारी
10 साल पहले भी हुआ था ऐसा हादसा
इस हादसे ने 10 साल पहले हुए हादसे की याद दिला दी है। जून, 2019 में मेचुका से उड़ान भरने के बाद एक AN-32 विमान हादसे का शिकार हो गया था। इस विमान में भी कुल 13 लोग सवार थे, जिनकी मौत हो गई थी।
लापता विमान
2016 में लापता AN-32 आजतक नहीं मिला
जुलाई, 2016 में भी एक AN-32 एयरक्राफ्ट बंगाल की खाड़ी के ऊपर से उड़ान भरते समय लापता हो गया था। इसमें 29 लोग सवार थे।
एयरक्राफ्ट ने अंडमान-निकोबार जाने के लिए चेन्नई से उड़ान भरी थी।
उड़ान भरने के एक घंटे बाद इससे संपर्क टूट गया था। इसके लापता होने के बाद इसकी तलाश के लिए भारतीय वायुसेना ने समुद्र में एयरक्राफ्ट तलाशने का सबसे बड़ा अभियान चलाया था, लेकिन इसमें कामयाबी नहीं मिली।
जानकारी
तीन महीने तक चला था तलाशी अभियान
लगभग तीन महीने तक चले तलाशी अभियान के बाद भी इस एयरक्राफ्ट का कोई सुराग नहीं मिला पाया, जिसके बाद इस अभियान को सितंबर, 2016 में बंद कर दिया गया। विमान में सवार सभी 29 लोगों को मृत मान लिया गया था।