चीन LAC पर बनाए नए गांवों में बसा रहा अपने नागरिक, सेना भी करेगी इस्तेमाल- रिपोर्ट
चीन ने 2019 से भारत की उत्तर-पूर्वी सीमाओं पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास बनाये गए गांवों में अपने नागरिकों को बसाने का काम शुरू कर दिया है। इंडिया एक्सप्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी दी। यह गांव 'जियाओकांग बॉर्डर डिफेंस विलेज' के नाम से जाने जाते हैं, जो नागरिकों के साथ-साथ सेना के लिए भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं।
चीन ने 5 सालों में बनाए 628 गांव
चीन ने पिछले 5 वर्षों से अधिक समय में लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश सहित तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में भारत की सीमा के साथ 628 गांवों का निर्माण किया है। इन्हीं में नागरिकों को बसाया जा रहा है। इंडिया एक्सप्रेस ने वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से बताया कि चीन ने पिछले कुछ महीनों में लोहित घाटी और अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर के पार LAC के किनारे बने कुछ गांवों में अपने नागरिकों को बसाना शुरू कर दिया है।
चीन ने किन इलाकों में किए निर्माण?
एक अधिकारी ने कहा, "चीन तवांग में LAC के पास लगातार बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है, लेकिन वह यही तक सीमित नहीं है। यहां तक कि अरुणाचल प्रदेश की सियांग घाटी जैसे अन्य क्षेत्रों में भी हम चीनी बुनियादी ढांचे का तेजी से विकास देख रहे हैं।" अधिकारी ने कहा कि चीन ने कनेक्टिविटी में सुधार के लिए सड़कें बनाई हैं, पुलों का निर्माण किया है और मॉडल गांवों का निर्माण भी कर रहा है।
गांव बसाने के पीछे क्या है चीन की रणनीति?
चीन द्वारा बसाये गए इन गांवों की स्पष्ट रूपरेखा सामने नहीं आई है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत की सीमा के पास बसे इन गांवों में 2 मंजिल घर बनाए गए हैं, जो नागरिकों और सेना दोनों की जरूरतों को पूरा करेंगे। चीन द्वारा अपने लोगों को इसमें बसाये जाने को उसकी जमीन कब्जाने की रणनीति का हिस्सा माना जाता है और उसके इस कदम ने भारत की चिंताओं को बढ़ा दिया है।
चीन ने भूटान की सीमा के पास भी किया बुनियादी ढांचे का निर्माण
चीन भूटानी सीमा के पास स्थित सीमावर्ती गांवों में भी बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है। कहा जा रहा है कि ऐसा करके चीन पूर्वोत्तर भारत के इलाकों को शेष भारत से काटने की क्षमता विकसित कर पाएगा।
चीन के मंसूबों के खिलाफ भारत की क्या है तैयारी?
पिछले 3-4 सालों में भारत ने अपने सीमा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर जोर दिया है, जिसमें कनेक्टिविटी में सुधार, LAC के लिए वैकल्पिक मार्गों का निर्माण और उन्हें जोड़ना शामिल है। वाइब्रेंट विलेजेज कार्यक्रमों के तहत भारत ने 663 सीमावर्ती गांवों को सभी सुविधाओं के साथ आधुनिक गांवों में विकसित करने की योजना बनाई है। इसमें लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में चीन की सीमा से लगे कम से कम 17 गांव शामिल हैं।
अरुणाचल प्रदेश में क्या किया जा रहा?
रिपोर्ट के अनुसार, अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी भाग और तवांग क्षेत्र में ज़ेमिथांग, ताकसिंग, चयांग ताजो, तूतिंग और किबिथु जैसे गांवों की पहचान की गई है, जिन्हें आधुनिक बनाया जाएगा। इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश में 3 प्रमुख हाईवे भी बनाए जा रहे हैं, जिनमें ट्रांस-अरुणाचल हाईवे, सीमांत हाईवे और पूर्व-पश्चिम औद्योगिक गलियारा हाईवे शामिल है। गुवाहाटी-तवांग रास्ते के अलावा कम से कम 2 वैकल्पिक रास्तों के जरिए तवांग से कनेक्टिविटी में सुधार करने की योजना भी है।