दिसंबर में RSS मुख्यालय गए थे चीनी राजनयिक, कांग्रेस ने उठाए सवाल
क्या है खबर?
चीन के कई राजनयिकों ने पिछले महीने नागपुर स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुख्यालय का दौरा किया था। अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने इसकी जानकारी दी है।
दिसंबर के पहले हफ्ते में ये राजनियक RSS मुख्यालय पहुंचे थे। हालांकि, वे संघ प्रमुख मोहन भागवत से नहीं मिल पाए थे क्योंकि वे बाहर कहीं प्रवास पर थे।
खबर सामने आने के बाद कांग्रेस ने राजनयिकों के दौरे पर सवाल उठाए हैं।
राजनयिक
रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी राजनियक पहले महाराष्ट्र के दौरे पर गए थे। इस दौरान वे महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय भी गए।
इसके बाद वे नागपुर स्थित RSS मुख्यालय गए। यहां संघ के संस्थापक डॉ केशव बलिराम हेडगेवार का एक मंदिर है। इसे स्मृति मंदिर के नाम से जाना जाता है। राजनयिकों ने इस मंदिर का भी दौरा किया।
RSS के एक अधिकारी ने अखबार से राजनयिकों के दौरे की पुष्टि की है।
चीन
पहली बार किसी हिंदूवादी संगठन के दफ्तर गए चीनी राजनयिक
ये पहली बार है जब चीनी राजनयिकों ने किसी हिंदूवादी संगठन या संस्थान के दफ्तर का दौरा किया है।
RSS भी हमेशा चीन की विस्तारवादी मानसिकता की आलोचना करता रहा है। मोहन भागवत खुद इस संबंध में बयान देते रहे हैं।
दौरे को लेकर कहा जा रहा है कि राजनयिकों ने परिसर घूमा और संघ के कामकाज को समझा। दिल्ली और मुंबई में नियुक्त चीन के मध्यम रैंक के राजनयिक इस दल में शामिल थे।
कांग्रेस
कांग्रेस ने पूछा- चीन और RSS का ये कैसे रिश्ता
कांग्रेस ने चीनी राजनयिकों के RSS मुख्यालय जाने पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, 'चीन के राजनायिक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय क्यों गए? वहां क्या चर्चा हुई? क्या समझौते हुए?'
कांग्रेस प्रवक्ता अरुणेश यादव ने कहा, "ये चीन वाले RSS के मुख्यालय में क्या कर रहे हैं? आखिर ये कौन-सा रिश्ता है? ये वही चीन है, जिसने हमारे 20 जवानों की निर्ममता से हत्या की थी। भाजपा जवाब दे।"
RSS
कई देशों के राजनयिक कर चुके हैं RSS मुख्यालय का दौरा
बता दें कि कई देशों के राजनयिक RSS पदाधिकारियों से मिलते रहे हैं।
2021 में इजरायल के राजनयिक ने दशहरे पर RSS मुख्यालय पर होने वाले कार्यक्रम में शिरकत की थी।
पिछले साल भारत में ब्रिटेन के राजदूत एलेक्जेंडर एलिस ने RSS मुख्यालय में भागवत से मुलाकात की थी और परिसर का दौरा भी किया था।
बीते कुछ सालों में जर्मनी, फ्रांस और श्रीलंका समेत कई देशों के राजनयिकों ने RSS मुख्यालय का दौरा किया है।