चीन: 'मोह-माया' को त्याग चुके गणितज्ञ भिक्षु ने की शादी, अब साधारण जीवन को बताया बेहतरीन
क्या है खबर?
अमूमन यही सुनने में आता है कि भिक्षुओं का जीवन मोह-माया से परे होता है। इसी कारण भिक्षु शादी भी नहीं करते हैं।
चीन के लियू झियू नामक व्यक्ति ने भी भिक्षु बनने के लिए अपने सामान्य जीवन को छोड़ दिया था, लेकिन अब खबर है कि लियू ने शादी कर ली है। इसके बाद से वह सुर्खियों में बने हुए हैं।
आइए इस खबर के बारे में विस्तार से जानते हैं।
भिक्षु
MIT की छात्रवृत्ति को छोड़ भिक्षु बने थे लियू
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, लियू ने साल 2006 में अंतरराष्ट्रीय गणितीय ओलंपियाड में स्वर्ण पदक जीता और कोई प्रवेश परीक्षा देने से पहले ही उन्हें पेकिंग विश्वविद्यालय उन्हें बेहद बुद्धिमान (जीनियसः घोषित कर दिया।
फिर साल 2010 में स्नातक करने के बाद लियू ने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलजी (MIT) की छात्रवृत्ति को छोड़कर खुद को बौद्ध धर्म के लिए समर्पित कर दिया और बीजिंग के पास लॉन्गक्वान मठ में जाकर भिक्षु का जीवन जीने लगे थे।
बयान
लियू ने बताया था भिक्षु बनने का ये कारण
35 वर्षीय लियू का कहना है कि उन्होंने गणित को छोड़कर बौद्ध धर्म को चुना था क्योंकि इस विषय पर शोध करना अकेलेपन का रास्ता अपनाने जैसा था और वह अपने दिल की खोज करना चाहते थे।
पिछले साल सितंबर में जब लियू ने सामान्य जीवन को फिर से अपनाने की घोषणा कि तो उन्होंने यह भी कहा, "मैं समाज का हिस्सा बनना चाहूंगा। मुझे लगता है कि मैं सामान्य जीवन के अधिक उपयुक्त हूं।"
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लियू ने सोशल मीडिया के जरिए दी शादी की जानकारी
इस महीने की शुरूआत में ही लियू ने सोशल मीडिया के जरिए घोषणा की कि उन्होंने शादी कर ली है और उनकी पत्नी भी बौद्ध धर्म का पालन करती हैं। इसके अतिरिक्त वह एक मनोवैज्ञानिक परामर्श कंपनी में कार्यरत हैं।
लियू ने यह भी कहा कि उनकी पत्नी एकमात्र ऐसी महिला हैं, जिनके साथ उनका रिश्ता रहा है और उन्होंने ही उन्हें सिखाया है कि एक अच्छा पति कैसे बनना है।
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बौद्ध सिद्धांतों का पालन करते रहेंगे लियू
लियू ने यह भी बताया कि सामान्य जीवन को जीते हुए वह बौद्ध सिद्धांतों का पालन करना जारी रखेंगें, जैसे कि मांस न खाना, झूठ न बोलना और विनम्र रहना।
उन्होंने कहा कि वह अब अपने जीवन से संतुष्ट हैं। वह अब एक साधारण व्यक्ति हैं और वह अपने प्रति सच्चा रहने की आकांक्षा रखते हैं। साथ ही उन्हें उम्मीद है कि लोग उनके इस रूप को स्वीकार करेंगे।